ट्रैक्टर और इलेक्ट्रिक गाड़ियां रोड टैक्स से बाहर रहेंगी

जम्मू कश्मीर सरकार ने एक आदेश जारी कर खेती के कार्य के लिए खरीदे गए ट्रैक्टरों इलेक्ट्रिक गाड़ियों व दिव्यांगों के लिए मोटर से चलने वाली साइकिलों को रोड टैक्स के दायरे से बाहर रख दिया है। इन वाहनों से रोड टैक्स नहीं लिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 02:17 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 02:17 AM (IST)
ट्रैक्टर और इलेक्ट्रिक गाड़ियां रोड टैक्स से बाहर रहेंगी
ट्रैक्टर और इलेक्ट्रिक गाड़ियां रोड टैक्स से बाहर रहेंगी

राज्य ब्यूरो, जम्मू: जम्मू कश्मीर सरकार ने एक आदेश जारी कर खेती के कार्य के लिए खरीदे गए ट्रैक्टरों, इलेक्ट्रिक गाड़ियों व दिव्यांगों के लिए मोटर से चलने वाली साइकिलों को रोड टैक्स के दायरे से बाहर रख दिया है। इन वाहनों से रोड टैक्स नहीं लिया जाएगा। जम्मू कश्मीर परिवहन विभाग ने एक्ट में संशोधन कर इन वाहनों को टैक्स के दायरे से बाहर किया है। इन वाहनों को पहले भी रोड व टोकन टैक्स में छूट दी थी, लेकिन समय-समय पर अधिसूचना जारी कर इसे जारी रखा जाता है। एसएसएफ और एसएसजी को मिलेगा विशेष सुरक्षा भत्ता:

वहीं एक अन्य फैसले में जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष सुरक्षाबल (एसएसएफ) और विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) के जवानों व अधिकारियों को अब अपने वेतन व अन्य भत्तों के साथ विशेष सुरक्षा भत्ता भी मिलेगा। जम्मू कश्मीर पुलिस की बरसों से लंबित इस माग को सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही संबंधित प्रशासन ने इस संदर्भ में आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। प्रदेश सरकार के इस फैसले को गणतंत्र दिवस क मौके पर एसएसएफ और एसएसजी के लिए एक तोहफा माना जा रहा है।

एसएसजी जम्मू कश्मीर में मुख्यमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा संभालती रही है, जबकि एसएसएफ राज्यपाल की सुरक्षा संभालती रही है। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में अभी मुख्यमंत्री नहीं है। उपराज्यपाल ही इस समय जम्मू कश्मीर के प्रशासक हैं। एसएसएफ ही उन्हें व उनके परिजनों को सुरक्षा कवच प्रदान कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि एसएसएफ और एसएसजी के आपरेशनल स्टाफ को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक उनके मूल वेतन के आधार 25 प्रतिशत और नान आपेशनल स्टाफ को 12.5 प्रतिशत विशेष सुरक्षा भत्ता मिलेगा। यह भत्ता पहले से ही पुलिसकíमयों को प्रदान किए जा रहे जोखिम भत्ते के अतिरिक्त है। कम कीमत वाली दवाइयों के 74 और केंद्र खुलेंगे:

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के वित्तीय आयुक्त अटल ढुल्लु ने प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र और अमृत योजना के केंद्र स्थापित करने के लिए विचार विमर्श किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कम कीमत वाली दवाइयों के स्टोर खोले जाएं। इन स्टोरों में पर्याप्त दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएं। मांग के लिए जगहों पर इन्हें खोला जाए। जो स्टोर सही तरीके से नहीं चल रहे हैं, उनकी सूची तैयार की जाए ताकि प्रभावी कदम उठाए जा सकें। उन्होंने मार्च तक कश्मीर संभाग में 32 और जम्मू संभाग में 42 स्टोर खोलने के लिए कदम उठाए जाएं। वित्तीय आयुक्त को बताया गया कि जन औषधि केंद्रों में दवाइयां बाजार से पचास से सत्तर फीसद कम कीमत पर मिलती हैं। इस समय 90 केंद्र काम कर रहे है और 74 स्थापित किए जा रहे है।

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