जिला राजौरी की सड़क जिस पर वर्ष 1960 में शुरू हुआ काम पर आज तक पूरा नहीं हो पाया

सरपंच अजाज अहमद सहित क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि लोक निर्माण के लिए यह सड़क सोने की खान बन गई है। हर साल मार्च के महीने में प्रगति दिखाने के लिए सड़क पर कुछ काम किया जाता है। उसके बाद फिर बंद कर दिया जाता है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 17 Dec 2020 08:11 AM (IST) Updated:Thu, 17 Dec 2020 08:11 AM (IST)
जिला राजौरी की सड़क जिस पर वर्ष 1960 में शुरू हुआ काम पर आज तक पूरा नहीं हो पाया
परियोजना को पूरा करने के लिए 196.80 लाख रुपये की अनुमानित राशि भी निर्धारित हुई।

राजौरी, जागरण संवाददाता: आपको को भी यह पढ़कर हैरानगी हो रही होगी परंतु यह सच है। जिला राजौरी की कोटरंका तहसील में पहाड़ो से घिरा दूरदराज का गांव हैं पंजनाड़ा। प्राकृतिक संसाधनों से ओतप्रोत इस गांव में रहने वाले दो हजार के करीब लोग अपने आपको सरकारी उपेक्षा का शिकार मानते हैं। इन लोगों का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में कई सरकारें बनी, कई गईं परंतु चुनावों में किए उनसे वायदे आज भी जमीनी हकीमत से कोसों दूर हैं।

हम इसी गांव की सड़क की बात कर रहे हैं। मुख्य मार्ग को इस गांव से जोड़ने वाली मात्र साढ़े किलोमीटर लंबी सड़क वर्ष 1960 में बनना तो शुरू हुई परंतु पूरी आज तक नहीं हुई। धार सकरी पंचायत के सरपंच अजाज अहमद ने बताया कि यहां के लोग इस सड़क परियोजना के पूरा होने का इंतजार वर्ष 1960 से कर रहे है। सड़क का काम उसी दशक में शुरू किया गया था। उसके बाद उसे अधर में छोड़ दिया गया। स्थानीय लाेगों के बार-बार गुहार लगाने के बाद वर्ष 2009 में इसे एक नियमित सड़क परियोजना के रूप में लिया गया। परियोजना को पूरा करने के लिए 196.80 लाख रुपये की अनुमानित राशि भी निर्धारित हुई।

घोषणा हुई कि इस लागत से मंदिर गली से पांजनाड़ा तक सड़क का निर्माण किया जाएगा। नामकरण के साथ सड़क परियोजना पर काम शुरू भी हो गया। पहले चरण में 20.12 लाख की धनराशि जारी की गई। सड़क का शिलान्यास गत 24 अक्टूबर 2009 को राजौरी डिवीजन के लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में विधायक दरहाल विधानसभा क्षेत्र चौधरी जुल्फिकार अली ने रखा। परियोजना में शामिल सड़क की कुल लंबाई साढे तीन किलोमीटर थी। शुरूआत में काम तेजी से चला डेढ़ किलोमीटर की मेटलिंग, 02.00 किलोमीटर की शिफ्टिंग और 0.50 किलोमीटर सड़क को मौसम के अनुसार तैयार करना आदि। उसके बाद अचानक से काम बंद हो गया।

इस मार्ग पर अब ब्लैकपॉपिंग, मेटलिंग और नाले व सुरक्षा दीवार का काम बचा हुआ है। इसके साथ ही छह मीटर की एक पुलिया और साढे तीन सौ मीटर की सुरक्षा दीवार भी लंबित है। धार सकरी पंचायत के सरपंच अजाज अहमद सहित क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि लोक निर्माण के लिए यह सड़क सोने की खान बन गई है। हर साल मार्च के महीने में प्रगति दिखाने के लिए सड़क पर कुछ काम किया जाता है। उसके बाद फिर बंद कर दिया जाता है। पंजनाड़ा गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने का और कोई रास्ता नहीं है। ये लोग इस सड़क परियोजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।

वहीं जिला आयुक्त मुहम्मद नजीर शेख का कहना है कि सड़क के कार्य में इतनी देरी क्यों हुई है इसकी जांच होगी। विभाग के अधिकारियों से बैठक करके जल्द ही इस कार्य को पूरा करवाने का प्रयास किया जाएगा। 

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