संविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को किया याद, केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यक्रम

प्रो. रसाल ने संविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान का भी उल्लेख किया। साथ ही पं. दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद की चर्चा करते हुए उन्होंने लार्ड मैकाले की दोषपूर्ण और क्लर्क बनाने वाली शिक्षा व्यवस्था के विकल्प के तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का समर्थन किया।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 05:49 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 05:49 PM (IST)
संविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को किया याद, केंद्रीय विश्वविद्यालय में कार्यक्रम
वीसी प्रो. संजीव जैन जी ने सभी को संबोधित किया और संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर के विश्वविद्यालय, कालेजों व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में शुक्रवार को संविधान दिवस मनाया गया। इस दौरान संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू में भी संविधान दिवस पर कार्यक्रम किया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. संजीव जैन, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. रसाल सिंह और असिस्टेंट डीन डा. विनय कुमार उपस्थित रहे। प्रो. रसाल ने संविधान निर्माण में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान का भी उल्लेख किया। साथ ही पं. दीनदयाल उपाध्याय के 'एकात्म मानववाद' की चर्चा करते हुए उन्होंने लार्ड मैकाले की दोषपूर्ण और क्लर्क बनाने वाली शिक्षा व्यवस्था के विकल्प के तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 का समर्थन किया।

वीसी प्रो. संजीव जैन जी ने सभी को संबोधित किया और संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा। उन्होंने सबको साथ लेकर विश्वविद्यालय को आगे ले जाने की बात कही। उनका कहना था कि स्वतंत्रता हमें दायित्वों के साथ मिली है। इसके अलावा उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बात करते हुए तकनीकी युग में शिक्षक और शिक्षण की चुनौतियों की ओर भी इशारा किया।

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से हुआ। इसके अलावा छात्रों को भी कक्षाकक्ष में संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा। छात्रों ने देशहित के कार्यों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की शपथ ली। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी विभागों के प्राध्यापक और गैर शैक्षणिक कर्मी भी उपस्थित रहे।

जम्मू विश्वविद्यालय के लॉ स्कूल की तरफ से भारतीय संविधान की प्रस्तावना को पढ़ कर मौलिक अधिकारों को बरकरार रखने का संकल्प लिया गया। वीसी प्रो. मनोज धर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे जिन्होंने भारतीय संविधान के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि युवाओं के कंधों पर देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारियां हैं। इस मौके पर लॉ स्कूल की डा. बिंदु सांगड़ा की पुस्तक का विमोचन किया गया। पुस्तक में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के पहलुओं की जानकारी दी गई है।

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