दबे-कुचले लोगों के हक के लिए हमेशा संघर्षरत रहे बाबा साहेब
संवाद सहयोगी मीरां साहिब बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर गांव टिडे कला में
संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर गांव टिडे कला में सोमवार को अखिल भारतीय अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग संगठन तहसील इकाई आरएसपुरा की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। संगठन के तहसील प्रधान दर्शन लाल समेत अन्य लोगों ने डा. आंबेडकर को याद किया। दर्शन लाल बन्मोतरा ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन संघर्ष पूर्ण रहा। उन्होंने हमेशा दबे-कुचले लोगों के लिए संघर्ष किया। भारत के संविधान को भी लिखा, इसलिए उन्हें संविधान निर्माता के रूप में भी जाना जाता है। उनको सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि हम सब एकजुट होकर बाबा साहब के बताए हुए रास्ते पर चलें और समाज के दबे-कुचले लोगों के हितों के लिए हमेशा आगे बढ़कर काम करें। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब का सपना था कि समाज के लोगों में भाईचारा मजबूत हो, छुआछूत का प्रचलन बंद हो। कोई ऊंची नीची जाति का भेदभाव न रहे। इस मौके पर मनोहर लाल, बहादुर चंद, रमेश कुमार, साईं दास, सूर्य प्रकाश, नरेश कंठ, कुलदीप सिंह, चमन लाल आदि भी उपस्थित थे। संविधान निर्माता आंबेडकर को श्रद्धांजलि
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संवाद सहयोगी, बिश्नाह : श्री सद्गुरु कबीर सभा के राज्य अध्यक्ष फकीर चंद भगत, पार्षद जय भारती आदि ने बिश्नाह के कबीर मंदिर में डा, आंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। फकीर चंद भगत ने कहा कि डा. आंबेडकर के रचे गए संविधान की बदौलत आज हर नागरिक को अपना अधिकार लेने का हक है और उसे अधिकार मिल रहे हैं। हम आजादी से घूम रहे हैं। जो कानूनी सहायता ले रहे हैं, इसका श्रेय भारत रत्न डा. आंबेडकर को ही जाता है।