Jammu Kashmir: राहत एवं पुनर्वास विभाग का बैंक खाता अटैच, 25 हजार कश्मीरी हिंदू परिवारों को नहीं मिली राहत राशि, यह है विवाद

कश्मीरी हिंदू परिवारों को हर माह सरकार द्वारा अधिकतम 13 हजार की नकद सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राशि राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा विस्थापितों के खाते मेें सीधे स्थानांतरित की जाती है। अदालती आदेश के बाद इस माह अभी तक राहत राशि नहीं मिल पाई है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 07:18 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 07:18 AM (IST)
Jammu Kashmir: राहत एवं पुनर्वास विभाग का बैंक खाता अटैच, 25 हजार कश्मीरी हिंदू परिवारों को नहीं मिली राहत राशि, यह है विवाद
राहत एवं पुनर्वास आयुक्त विस्थापित एके पंडिता ने बताया कि अदालत ने विभाग के अकाउंट हेड पर रोक लगाई है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : भुगतान विवाद में जम्मू कश्मीर की एक अदालत ने राहत एवं पुनर्वास (विस्थापित) विभाग के एक बैंक खाते अटैच कर दिया। इसका असर यह हुआ कि करीब 25 हजार विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं को मिलने वाली राहत राशि का वितरण भी रुक गया है। साथ ही विभागीय अधिकारियों का वेतन भी रुका है। परेशान विस्थापितों ने शनिवार को नगरोटा के पास जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन बाधित करने का प्रयास किया। उधर विभाग के अनुसार इस मामले में पुनर्विचार याचिका लगाने की तैयारी है।

उल्लेखनीय है कि आतंकवाद के चलते कश्मीर से उजड़ कर विस्थापितों की जिंदगी जी रहे कश्मीरी हिंदू परिवारों को हर माह सरकार द्वारा अधिकतम 13 हजार की नकद सहायता राशि प्रदान की जाती है। यह राशि राहत एवं पुनर्वास विभाग द्वारा विस्थापितों के खाते मेें सीधे स्थानांतरित की जाती है। अदालती आदेश के बाद इस माह अभी तक राहत राशि नहीं मिल पाई है।

जगटी स्थित कश्मीरी माइग्रेंट कालोनी निवासी सुनील कुमार ने बताया कि राहत एवं पुनर्वास विभाग की उदासीनता के कारण एक ठेकेदार ने सरकारी विभाग के बैंक खाते पर रोक लगवा दी और इन परिवारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो चुकी है। मामले के समाधान तक हमें वैकल्पिक तौर पर राहत दी जाए।

राहत एवं पुनर्वास आयुक्त विस्थापित एके पंडिता ने बताया कि अदालत ने विभाग के अकाउंट हेड पर रोक लगा रखी है। इस कारण भुगतान नहीं हो पाया। उम्मीद है कि कोर्ट जल्द इस मामले में राहत प्रदान करेगी और करीब 25 हजार परिवारों को राहत राशि का भुगतान कर दिया जाएगा।

यह है विवाद

विभागीय अधिकारियों के अनुसार, पुरखु और नगरोटा में विस्थापित कश्मीरी पंडितों के लिए फ्लैट बनाने वाली कंपनी भाटिया कंस्ट्रकशन के साथ भुगतान को लेकर विवाद बना हुआ है। सतर्कता विभाग ने भी इस मामले में जांच की थी और उसके अनुरुप भुगतान हुआ था। अब कंपनी ने कोर्ट में दावा ठोक दिया कि उसके विभाग पर 92 लाख रुपये बकाया हैं। आरोप है कि इस मामले में सरकारी वकील अदालत मेें निर्धारित समय पर पेश नहीं हुए और अदालत ने कंपनी के आग्रह पर विभाग के एक खाते पर रोक लगा दी। इसलिए इस खाते से कश्मीरी हिंदुओं का भुगतान नहीं हो सका। हमने अदालत से आग्रह किया है कि वह सिर्फ 92 लाख रुपये की राशि फ्रीज कर शेष खाता चलाने की अनमुति दे दे।

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