Ratle Hydropower project: रतले बिजली परियोजना से यूं बदलेगी जम्‍मू कश्‍मीर की तस्‍वीर, बिजली के साथ राजस्‍व भी मिलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्‍मू कश्‍मीर की जनता को नया तोहफा देते हुए किश्‍तवाड़ में 850 मेगावाट की रतले पन बिजली परियोजना मंजूरी दे दी है। यह परियोजना जम्‍मू कश्‍मीर की किस्‍मत बदलने में सफल होगी। केंद्र किश्‍तवाड़ को हाइड्रो पावर के हब के तौर पर विकसित कर रहा है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 08:28 AM (IST)
Ratle Hydropower project: रतले बिजली परियोजना से यूं बदलेगी जम्‍मू कश्‍मीर की तस्‍वीर, बिजली के साथ राजस्‍व भी मिलेगा
किश्तवाड़ में रतले पनबिजली परियोजना को मंजूरी के साथ जम्‍मू कश्‍मीर ने नई ऊर्जा क्रांति पर मुहर लगा दी है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को किश्तवाड़ में चिनाब दरिया पर बनने वाली रतले पन बिजली परियोजना को मंजूरी देने के साथ जम्‍मू कश्‍मीर ने नई ऊर्जा क्रांति पर मुहर लगा दी है। यह जम्मू कश्मीर को बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह बड़ा कदम है। 850 मेगावाट की इस परियोजना पर 5281.94 करोड़ रुपये का निवेश होगा।

इसे नेशनल हाइड्रो पावर कारपोरेशन (NHPC) और जम्मू कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कारपोरेशन (JKPDC) की तरफ से संयुक्त रूप से बनाया जा रहा है। इसमें एनएचपीसी की 51 फीसद और जेकेपीडीसी की 49 फीसद हिस्सेदारी है। केंद्र सरकार जेकेपीडीसी की हिस्सेदारी के 776.44 करोड़ रुपये का सहयोग भी देगी। यह अहम परियोजना पांच साल में बनकर तैयार हो जाएगी।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू में पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि परियोजना के बन जाने से जम्मू कश्मीर में बिजली की सप्लाई को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी। सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से जम्मू कश्मीर के चार हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले दिनों पन बिजली की चार परियोजनाओं को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। उन पर 31 हजार करोड़ का निवेश होना है। इन चारों के अलावा पक्कलदुल और कीरू प्रोजेक्ट को मिलाकर सभी पन बिजली परियोजनाओं पर 52821 करोड़ का निवेश होगा। इससे बारह हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

जम्मू कश्मीर को एक फीसद बिजली निशुल्क मिलेगी : जम्मू कश्मीर में वर्ष 1947 से लेकर 2018 तक 3500 मेगावट बिजली का उत्पादन हो रहा था और अगले चार साल में यह उत्पादन  6300 मेगावाट हो जाएगा। रतले पहली पन बिजली परियोजना होगी, जिसके पूरा होते ही जम्मू कश्मीर को एक फीसद बिजली निशुल्क मिलेगी और उसके बाद यह बढ़ती जाएगी। बारहवें साल में यह 12 फीसद हो जाएगी।

चालीस साल बाद परियोजना जम्मू कश्मीर की हो जाएगी और 40 साल में पानी के इस्तेमाल के लिए 9581 करोड़ रुपये भी मिलेंगे। जम्मू कश्मीर को 5289 करोड़ की निशुल्क बिजली भी हासिल होगी। परियोजना को कामयाब बनाने के लिए पहले दस साल तक पानी के इस्तेमाल के पैसे नहीं लिए जाएंगे। सरकार प्री पेड मीटर भी लगाएगी। इसमें गरीबों का ध्यान अवश्य रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि 540 मेगावाट की कवार पन बिजली परियोजना भी बनेगी। इसमें 4264 करोड़ का निवेश होगा और दो हजार से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

पहले की सरकारें पाकिस्तान की चेतावनी से डरती थीं : उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू कश्मीर बिजली की बड़ी परियोजनाओं से वंचित इसलिए था, क्योंकि पूर्व सरकारें अंतरराष्ट्रीय स्तर परया विश्व बैंक में मामला ले जाने की पाकिस्तान की चेतावनी से डरती थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब देश में एक मजबूत सरकार आई है। जम्मू कश्मीर जल्द ही बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो जाएगा।

उपराज्यपाल ने यह भी कहा :  -जम्मू कश्मीर में निष्ठा से काम करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत करने और काम न करने वाले अधिकारियों को दंडित करने की व्यवस्था सरकार जल्द ही बनाएगी। -केंद्र की सिविल सर्विस परीक्षा में आयु 32 साल ही है। हमने पिछली बार परीक्षा नहीं दे पाए जम्मू कश्मीर के विद्यार्थियों की सहूलियत को देखते हुए आयु सीमा को एक ही बार के लिए 37 साल किया है। जम्मू कश्मीर में प्रतिभा की कमी नहीं है कि हमें आयु सीमा को बढ़ाना पड़े। -कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। वैक्सीन के मानदंड डाक्टरों और वैज्ञानिकों पर छोड़ देने चाहिए। कुछ लोग अफवाहें फैलाने में माहिर हैं। वैक्सीन मानदंडों पर खरी उतरी है।

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