Big Jolt to NC : 11 अक्टूबर 11 बजकर 11 मिनट पर राणा हो जाएंगे भाजपा के, सलाथिया भी थामेंगे भाजपा का हाथ

राणा के साथ नेशनल कांफ्रेंस में उनके वरिष्ठ सहयाेगी रहे सुरजीत सिंह सलाथिया ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्या से रविवार को त्यागपत्र दे दिया था और इन दोनों नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद जम्मू कश्मीर विशेषकर जम्मू में नेंका की कमर पूरी तरह से टूट गई है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 08:11 PM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 08:11 PM (IST)
Big Jolt to NC : 11 अक्टूबर 11 बजकर 11 मिनट पर राणा हो जाएंगे भाजपा के, सलाथिया भी थामेंगे भाजपा का हाथ
राना की भाजपा में शामिल होने की पूरी तैयारी हो चुकी है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : नेशनल कांफ्रेंस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद दिल्ली रवाना हुए देवेंद्र सिंह राणा सोमवार 11 अक्टूबर को 11 बजकर 11 मिनट पर भाजपा के हो जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि राना की भाजपा में शामिल होने की पूरी तैयारी हो चुकी है और दिल्ली में उनकी ज्वाइंनिंग होगी जहां दो मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे। दोनों नेता रविवार दोपहर 3 बजकर 45 मिनट पर विमान से दिल्ली रवाना हुए थे।

राणा के साथ नेशनल कांफ्रेंस में उनके वरिष्ठ सहयाेगी रहे सुरजीत सिंह सलाथिया ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्या से रविवार को त्यागपत्र दे दिया था और इन दोनों नेताओं के पार्टी छोड़ने के बाद जम्मू कश्मीर विशेषकर जम्मू में नेंका की कमर पूरी तरह से टूट गई है। पार्टी के पास अब कोई बड़ा चेहरा नहीं बचा है। हालांकि पार्टी ने अपने वरिष्ठ सदस्य रतन लाल गुप्ता को राणा की जगह अस्थायी प्रांतीय प्रधान बनाया है जबकि इस पद पर पार्टी 16 अक्टूबर को किसी की स्थायी नियुक्ति करेगी। उधर जम्मू में राणा ने अभी तक अपने पत्ते पूरी तरह से नहीं खोले।

उन्होंने पत्रकारों के पूछे जाने के बाद इतना ही कहा कि वह जम्मू के हित के साथ कोई समझौता नहीं कर सकते। वह अपना राजनीतिक भविष्य दाव पर लगा सकते हैं लेकिन जम्मू के हित को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकते। वहीं सलाथिया ने भी कहा कि उन्होंने पार्टी छोड़ने की जानकारी अपने लोगों को दे दी है। लोगों की इस पर क्या प्रतिक्रिया है, वह इस बारे कुछ नहीं कह सकते क्योंकि उन्होंने अभी तक इस बारे में अपने लोगोे से सलाह नहीं ली है।

राणा ने भी पार्टी से त्यागपत्र देने के पहले नगरोटा विधानसभा के लोगोें जिनमें कुछ पंच, सरपंच भी शामिल थे, को अपने घर बुलाया था। उन्होंने उस समय कहा कि वह नेंका के सिपाही है जो अब कुछ देर के ही रह गए हैं। उन्होंने अपनी विधानसभा के लोगाें को पार्टी छोड़ने की जानकारी देने के बाद त्यागपत्र दिया जिसे पार्टी के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने स्वीकार कर लिया था।

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