पिछड़े वर्ग को आरक्षण के लिए जम्मू के विभिन्न कस्बों, गांवों में निकाली रैली

ओबीसी महासभा जम्मू-कश्मीर व आल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन जेके यूनिट की ओर से रैली निकाली गई जो जम्मू से आरंभ हुई और आरएसपुरा उप जिले के कई कस्बों व गांवों में पहुंची। रैली का मीरां साहिब क्षेत्र में ओबीसी समाज के लोगों ने स्वागत किया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 07:00 AM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 07:00 AM (IST)
पिछड़े वर्ग को आरक्षण के लिए जम्मू के विभिन्न कस्बों, गांवों में निकाली रैली
पिछड़े वर्ग को आरक्षण के लिए जम्मू के विभिन्न कस्बों, गांवों में निकाली रैली

संवाद सहयोगी, आरएसपुरा : ओबीसी महासभा जम्मू-कश्मीर व आल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन जेके यूनिट की ओर से रैली निकाली गई जो जम्मू से आरंभ हुई और आरएसपुरा उप जिले के कई कस्बों व गांवों में पहुंची। रैली का मीरां साहिब क्षेत्र में ओबीसी समाज के लोगों ने स्वागत किया। आरएसपुरा में भी कार्यक्रम के बाद दबलैड़, गांव ब्यासपुर प्रलाह सहित बिश्नाह विधानसभा क्षेत्र के कई गांव से होते हुए जम्मू में संपन्न हुई। रैली के दौरान कई नुक्कड़ सभाएं कर बंसी लाल, राजेन्द्र सिक्का, बलवंत कटारिया, एमएल पवार, कस्तूरी लाल बसोत्रा, कृष्ण दास, अमित मेहरा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पिछड़ी जाति वर्ग के लोग पहले भी तीन फीसद का आरक्षण पाते थे, आज केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी वही आरक्षण पा रहे हैं। देश के अन्य राज्यों में ओबीसी को 27 फीसद का आरक्षण मिल रहा है। जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू था तो सरकार का जवाब था कि इस अनुच्छेद के चलते जम्मू-कश्मीर में आरक्षण बढ़ा नहीं सकते। अब यह अनुच्छेद नहीं रहा। अब देश के सभी नियम कानून जम्मू-कश्मीर में भी लागू होते हैं, फिर आरक्षण लागू करने में अनदेखी क्यों की जा रही है। अजय कुमार, अयोध्या कुमार मनवा, राज कुमार चलोत्रा, विकास कांत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में पिछड़ी जाति को पूर्ण अधिकार दिलाने के लिए बड़ी-बड़ी बातें हुई, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सरकार ने पीछे मुड़कर ही नहीं देखा। उन्होंने कहा कि रैली निकाले जाने का उद्देश्य पिछड़े वर्ग की हो रही अनदेखी को दूर करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार को संदेश देना है। धर्मपाल डोगरा, राजू सतिया, शाम लाल मेहरा, पवन कुमार, सुभाष डोगरा, सुरेन्द्र सोडी, मोहन लाल ने कहा कि उनकी मांगें पूरी होनी चाहिए।

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