राकेश टिकैत ने जम्मू कश्मीर के किसानों के मुद्दों का हल दिल्ली में तलाशने का यकीन दिलाया

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश के किसानों के मुद्दों का हल दिल्ली में तलाशने का यकीन दिलाया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के कईं किसान और सेब उत्पादक भी लगातार उनके साथ संपर्क में हैं वह उन्हें बार-बार कश्मीर बुलाते हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 03:50 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 03:51 PM (IST)
राकेश टिकैत ने जम्मू कश्मीर के किसानों के मुद्दों का हल दिल्ली में तलाशने का यकीन दिलाया
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश के किसानों के मुद्दों का हल दिल्ली में तलाशने का यकीन दिलाया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर के कईं किसान और सेब उत्पादक भी लगातार उनके साथ संपर्क में हैं, वह उन्हें बार-बार कश्मीर बुलाते हैं।

कृषि कानूनों के खिलाफ हठधर्मिता अपनाए राकेश टिकैत का जम्मू आगमन उनकी किसान राजनीति से पूरी तरह अलग था, लेकिन उन्होंने एक संक्षिप्त बातचीत में साफ कर दिया कि जम्मू कश्मीर की किसान राजनीति में वह दखल जरुर बढ़ाएंगे। वह यहां पूर्व मेयर मनमोहन चौधरी के घर उनकी पत्नी के निधन पर शोक जताने आए थे।

राकेश टिकैत ने जम्मू के पूर्व मेयर मनमाेहन चौधरी और उनके परिजनों के साथ अपने पुराने संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि मैं कई बार यहां किसानों से संबधित मुद्दों पर चर्चा के लिए आ चुका हूं। जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती किसानों के बीच भी गया हूं। उन्होंने कहा किसानों को यहां जो चाहिए, हम उसके लिए काम करेंगे। यहां किसानों की कई समस्याएं हैं, उनके कई मुद्दे हैं, हम दिल्ली में उनका हल तलाशेंगे। जम्मू कश्मीर का किसान हो या दिल्ली और हरियाणा का, सभी की स्थिति एक जैसी ही है। किसानों की हर जगह उपेक्षा हो रही है, इसलिए हमारा आंदोलन जारी है।

उन्होंने कहा कि आज मैं यहां बिल्कुल निजी दौरे पर हूं। हमारे मित्र मनमोहन चौधरी की पत्नी का बीते दिनों निधन हुआ है और मैं यहां शोक जताने आया हू्ं। इसलिए यहां किसानों से मिलने और उनके मुद्दों को एक मजबूत आवाज देने के लिए जल्द ही आऊंगा। सिर्फ जम्मू ही नहीं मैं कश्मीर भी जाऊंगा। कश्मीर के कई किसान और सेब उत्पादकों के मुझे लगातार फोन आते रहते हैं, लेकिन उनसे अगर ज्यादा बात करुंगा तो यहां कहा जाएगा कि यह कश्मीरियाें के साथ मिला है। इसलिए मैं अपने किसान भाईयों के साथ ही कश्मीर जाऊंगा।

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