Gandhi Nagar Shootout Case : चौधरी नागर सिंह के घर पर गोलियां चलाने वाले युद्धवीर सिंह पर पीएसए बरकरार

हाईकाेर्ट ने पाया कि आरोपित के खिलाफ विभिन्न थानों में 16 एफआइआर दर्ज है। गंग्याल पुलिस स्टेशन में मोटरसाइकिल छीनने व चोरी करने की दो एफआइआर दर्ज है नवाबाद पुलिस स्टेशन में फायरिंग करने के आरोप में एफआइआर दर्ज है आरोपित के कब्जे से टोका बरामद हुआ था।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 12:02 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 12:02 PM (IST)
Gandhi Nagar Shootout Case : चौधरी नागर सिंह के घर पर गोलियां चलाने वाले युद्धवीर सिंह पर पीएसए बरकरार
ऐसे पेशेवर अपराधियों के साथ किसी तरह ही नरमी बरतना, समाज के लिए खतरा पैदा करने के समान होगी।

जम्मू, जेएनएफ : जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट ने चौधरी नागर सिंह उर्फ नागो के घर पर गोलियां चलाने के आरोपित युद्धवीर सिंह पर लगे पब्लिक सेफ्टी एक्ट(पीएसए) को बरकरार रखा है। युद्धवीर सिंह ने पीएसए लगाने संबंधी आदेश को चुनौती दी थी जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। हाईकोर्ट ने जिलाधीश के आदेश को सही करार देते हुए कहा कि आरोपित के खिलाफ दर्ज मामले दर्शाते हैं कि वह समाज के लिए खतरा है और अगर उसे खुला छोड़ा गया तो वह कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है।

हाईकाेर्ट ने पाया कि आरोपित के खिलाफ विभिन्न थानों में 16 एफआइआर दर्ज है। गंग्याल पुलिस स्टेशन में मोटरसाइकिल छीनने व चोरी करने की दो एफआइआर दर्ज है, नवाबाद पुलिस स्टेशन में फायरिंग करने के आरोप में एफआइआर दर्ज है, आरएसपुरा में दर्ज एफआइआर के अनुसार आरोपित के कब्जे से टोका बरामद हुआ था। आरएसपुरा में ही जानलेवा हमला करने के आरोप में एफआइआर दर्ज है, बड़ी ब्राह्मणा पुलिस स्टेशन में फायरिंग करने, छन्नी हिम्मत में पिस्तोल जब्त होने व आरएसपुरा में हेरोइन बरामद हाेने जैसी कई एफआइआर आरोपित के खिलाफ दर्ज है।

हाईकोर्ट ने पाया कि आरोपित कोई छोटा-मोटा अपराधी नहीं है। वह एक पेशेवर अपराधी है और शहर के लोगों में दहशत का कारण बन चुका है। समय-समय पर उसके खिलाफ जो कार्रवाई की गई, वो भी उसे रास्ते पर लाने में नाकाफी साबित हुई। हाईकोर्ट ने पाया कि 2017 में भी आरोपित को पीएसए के तहत कैद किया गया था और अपनी हरकतें सुधारने की बजाय उसने अपराधिक गतिविधियां जारी रखी।

आरोपित के लिए कानून व न्याय व्यवस्था का कोई महत्व नहीं और ऐसे पेशेवर अपराधियों के साथ किसी तरह ही नरमी बरतना, समाज के लिए खतरा पैदा करने के समान होगी। इन तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने युद्धवीर सिंह पर लगे पीएसए को बरकरार रखा।

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