Tantra Ke Gan: सामाजिक दायित्व का किया निर्वाह कर कोरोना कॉल में बेसहारा बेटियों का किया कन्यादान

निर्भया भारत फाउंडेशन ट्रस्ट के संस्थापक तरुण उप्पल ने कोरोना काल में ऐसी बेटियों की शादियां करवाने का जमा उठाया जो बेसहारा थी या उनके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी।वह अक्सर आश्रम और बाल आश्रम में रहने वाले लोगों की मदद के लिए सहायता उपलब्ध करते हैं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 06:44 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 06:44 PM (IST)
Tantra Ke Gan: सामाजिक दायित्व का किया निर्वाह कर कोरोना कॉल में बेसहारा बेटियों का किया कन्यादान
निर्भया भारत फाउंडेशन ट्रस्ट के संस्थापक तरुण उप्पल कोरोना काल के दौरान जारूरतमंदों को खाना बांटते रहे

जम्मू, दिनेश महाजन : कोरोना महामारी ने पिछले साल लोगों के जीवन की गाड़ी को जेसे थाम कर रख दिया था। रोजगार बंद होने से कई परिवारों की आर्थिक स्थिति नाजुक हो गई थी। कई परिवारों के लिए दो वक्त की रोटी का जुटाना मुश्किल हो गया था। लोगों के संसाधन सीमित हो गए थे। इस बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो उन विपरीत परिस्थितियों में दूसरों की मदद के लिए बढ़चढ़ कर आगे आए। उनमें से एक हैं निर्भया भारत फाउंडेशन ट्रस्ट के संस्थापक तरुण उप्पल। इन्होंने कोरोना काल में ऐसी बेटियों की शादियां करवाने का जमा उठाया जो बेसहारा थी या उनके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी।

सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए तरुण ने कोरोना काल के दौरान चार ऐसी बेटियों की शादी करवाई। उनकी शादी का सारा खर्च उन्होंने खुद उठाया था। इतना ही नहीं इन बेटियों का कन्यादान तक परिवार के साथ मिलकर तरुण ने ही किया था। तरुण उप्पल कहते हैं कि महिलाओं को पुरुषों के सम्मान अधिकार देना समय की मांग है। बेटियों को लोग बोझ ना समझें, इसलिए उन्होंने कोरोना कॉल में बेसहारा और ऐसे परिवारों की बेटियों की शादी का बीड़ा उठाया, जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। तरुण अन्य लोगों को भी बेटियों की मदद करने के लिए प्रेरित करते हैं ताकि संसार में बेटियों को बोझ ना समझा जाए।

अन्ना हजारे से प्रभावित है तरुण

देश में फैले भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने जब दिल्ली में आंदोलन शुरू किया था तो उनसे प्रभावित होकर तरुण उत्पल भी दिल्ली में अन्ना द्वारा शुरू किए गए अनशन में भाग लेने पहुंचे थे। तबसे तरुण अन्ना हजारे के करीबी हो गए। मौजूदा समय में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए अन्ना हजारे ने जो समिति बनाई है, उसमें देशभर के 21 लोगों को अन्ना हजारे ने अपने साथ समिति में शामिल किया गया है, जिनमें तरुण उप्पल जम्मू कश्मीर के अकेले ऐसे युवा हैंं, जिन्हे अन्ना ने अपने साथ जोड़ा है। तरुण कहते हैं कि अन्ना हजारे इतनी सादगी से जीवन जीते हैं कि वह दूसरों के लिए प्रेरणा हैं। अपने लिए तो हर कोई जीता है। दूसरों के लिए कोई कोई ही जीता है। अन्ना हजारे ने महात्मा गांधी जी की तरह देश के लोगों को अपने हक के लिए आंदोलन करने की राह दिखाई है।

कोरोना के दौरान रोजाना 500 लोगों को खाना बांटते थे

कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन घोषित हो गया था। रोजगार नहीं मिलने से लोगों के घरों के चूल्हे ठंडे हो गए थे। ऐसे लोगों की मदद के लिए तरुण उप्पल ने अपने घर को लंगर में तब्दील कर दिया। रोजाना घर में 500 लोगों का खाना बनता था, जिसे वह प्रशासन और पुलिस की मदद से जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाते थे। उनके इस काम के लिए जिला प्रशासन ने भी उन्हें सम्मानित किया था।

बेसहारों लोगों की मदद करने को बनाया जीवन का मकसद

तरुण उप्पल का कहना है कि बेसहारा लोगों की मदद करने में उन्हें सुकून मिलता है। जरूरतमंद की मदद करने वालों की भगवान मदद करता है। वह अक्सर कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के लिए बने आश्रम और बाल आश्रम में जाकर वहां रहने वाले लोगों की मदद के लिए सहायता उपलब्ध करते हैं। इस काम के लिए उन्होंने एक समाज सेवी संगठन निर्भया भारत फाउंडेशन का गठन किया है। 

chat bot
आपका साथी