सरकार पर अनदेखी का आरोप लगा दिव्यांगों ने किया प्रदर्शन
जागरण संवाददाता जम्मू विश्व दिव्यांगता दिवस को काला दिवस के रूप में मनाते हुए दिव्यांगों के वि
जागरण संवाददाता, जम्मू : विश्व दिव्यांगता दिवस को काला दिवस के रूप में मनाते हुए दिव्यांगों के विभिन्न संगठनों ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर प्रदेश प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदेश प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए दिव्यांगों ने जम्मू-कश्मीर में बेहतर शिक्षा ढांचा विकसित करने, समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाने वाली मासिक राहत राशि में वृद्धि करने व सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिए जाने की मांग के समर्थन में नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दिव्यांगों के लिए कुछ नहीं किया, इसलिए वे विश्व दिव्यांगता दिवस पर खुशी मनाने की बजाय इसे काला दिवस के रूप में मना रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर एसोसिएशन आफ द डेफ के बैनर तले दिव्यांगों ने प्रदर्शनी मैदान के बाहर मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के प्रवक्ता रोशन भान ने कहा कि पहले अनुच्छेद 370 व 35 ए होने के कारण केंद्र सरकार की योजनाएं जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं हो पाती थीं। अब 370 समाप्त हुए दो साल हो गए, लेकिन सरकार ने केंद्रीय योजनाओं को जम्मू-कश्मीर में लागू करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। केंद्र सरकार की ओर से दिव्यांगों के पुनर्वास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन आज तक जम्मू-कश्मीर के दिव्यांगों तक उनका लाभ नहीं पहुंच पाया। भान ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार आज तक प्रदेश में दिव्यांगों के लिए एक भी उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि सरकारी रिकार्ड में केवल तीन श्रेणियों को दिव्यांगों का दर्जा दिया गया है जबकि 21 तरह के दिव्यांग होते हैं और सबको एक तरह की सुविधाएं व सरकारी योजनाओं के तहत लाभ दिया जाना चाहिए। भान ने दिव्यांगों के लिए आइटीआइ जैसे शिक्षा संस्थान स्थापित करने की मांग करते हुए कहा कि समाज के इस वर्ग को भी उच्च शिक्षा हासिल करने का पूरा अधिकार है। खेलों को बढ़ावा दे सरकार
क्रिकेट एसोसिएशन आफ ब्लाइंड के सदस्यों ने शुक्रवार को राजभवन के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदेश प्रशासन पर दिव्यांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए इन युवाओं ने दिव्यांगों के लिए खेल ढांचा विकसित करने की मांग की। इन दिव्यांग खिलाड़ियों का कहना था कि सरकार सामान्य लोगों के खेलने के लिए कई सुविधाएं दे रही है लेकिन दिव्यांगों को खेलों में प्रोत्साहित करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा। एसोसिएशन के महासचिव अजय कुमार ने कहा कि वे नेत्रहीन है लेकिन उनमें भी कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी है और अगर सरकार की तरफ से उन्हें कुछ प्रोत्साहन देते हुए बेहतर सुविधाएं दी जाए तो वे भी जम्मू-कश्मीर व भारत का नाम रोशन कर सकते हैं।