Jammu : सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन, देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कल

कन्फेडरेशन ने रेल हेड रोड अंबेडकर चौक पर रविवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान निजीकरण बंद करो... देश को बेचना बंद करो... जैसे नारे लगाए गए। कन्फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष आरके कालसोत्रा ​​ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय मुद्रीकरण की आड़ में देश को बेचना शुरू कर दिया है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 03:18 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 03:18 PM (IST)
Jammu : सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन, देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कल
एससी/एसटी/ओबीसी के ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ने सोमवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।

जम्मू, जेएनएन : सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण के विरोध में एससी/एसटी/ओबीसी के ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ने सोमवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। इस प्रदर्शन का दलित ओबीसी अल्पसंख्यक (डीओएम) और राष्ट्रीय छात्र युवा मंच के साथ अखिल भारतीय एससी/एसटी/ओबीसी जम्मू-कश्मीर परिसंघ (एनएसवाईएफ) ने भी समर्थन किया है। 20 सितंबर सोमवार को जम्मू में डॉ. बीआर अंबेडकर चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। इसी तरह का प्रदर्शन पूरे जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र में किए जाएंगे।

इससे पहले कन्फेडरेशन ने रेल हेड रोड अंबेडकर चौक पर रविवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान निजीकरण बंद करो... देश को बेचना बंद करो..., सार्वजनिक उपक्रमों, बैकों, रेलवे, हवाई अड्डों का निजीकरण बंद करो... जैसे नारे लगाए गए। कन्फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष आरके कालसोत्रा ​​ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय मुद्रीकरण की आड़ में देश को बेचना शुरू कर दिया है। कालसोत्रा ​​ने सरकार के कदम पर सवाल उठाया और तर्क दिया कि बैंक के साथ एनपीए लगभग 8 लाख करोड़ है। अगर सरकार वास्तव में पैसा चाहती है, तो वे एनपीए की वसूली क्यों नहीं कर सकती?

कालसोत्रा ​​ने यह भी कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण होने के बाद भी एससी/एसटी/ ओबीसी का प्रतिनिधित्व न्यूनतम है। निजी क्षेत्र में कोई आरक्षण नहीं है। अब अगर सरकार निजीकरण लाती है तो इससे न केवल एससी/एसटी/ओबीसी, बल्कि आम जनता के हितों को भी नुकसान होगा। सरकार के निजीकरण नीति से पूंजीवाद को बढ़ावा मिलेगा। जम्मू-कश्मीर में पहले से ही 1.04 लाख एससी/एसटी/ओबीसी शिक्षित युवा हैं। उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल भर्ती अभियान चलाया जाना चाहिए।

प्रदर्शन के दौरान सईद सलीम मीर ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ मोदी सरकार ने धोखा किया है। पुष्पा डोगरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने हर साल दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन दो हजार नौकरी भी नहीं दी गई। दूसरी ओर इश्तियाक भट्टी ने निजीकरण बंद करने की अपील करते हुए जम्मू-कश्मीर के राज्य दर्जा बहाल करने की भी मांग की।

विरोध प्रदर्शन में बीएल भारद्वाज, सिकंदर भगत, मोहम्मद अमीन, तरसेम मोत्तन, इंदर पॉल, विनय कुमार, नरेश लांगेह, कला राम, मोहन लाल, माखन लाल और मोहिंदर कुमार थे। कन्फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. उदित राज ने कल दिल्ली के जंतर-मंतर पर इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया।

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