Jammu: पाकिस्तान से बातचीत की वकालत करने पर महबूबा के खिलाफ फूटा गुस्सा
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में वीरवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पाकिस्तान से बातचीत को लेकर दिए गए बयान एवं 370 की बहाली की मांग करने पर बुधवार को राष्ट्रीय बजरंग दल ने प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, जम्मू : प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में वीरवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के पाकिस्तान से बातचीत को लेकर दिए गए बयान एवं 370 की बहाली की मांग करने पर बुधवार को राष्ट्रीय बजरंग दल ने प्रदर्शन किया। संगठन के कार्यकर्ताओं ने महबूबा का पुतला जलाकर रोष लगाया। इस दौरान गुपकार गठबंधन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी हुई।
राष्ट्रीय बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने कहा कि मंगलवार को गुपकार गैंग की श्रीनगर में मीटिंग हुई, जिसके बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वे कश्मीर मसले पर केंद्र सरकार से पाकिस्तान से बात करने के लिए कहेंगी। बजरंगी ने कहा कि महबूबा मुफ्ती को याद रखना चाहिए कि केंद्र में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान जब तक अपनी धरती से आतंकवाद को समाप्त नहीं करता, तब तक उससे किसी प्रकार की वार्ता नहीं की जाएगी। ऐसे में वे प्रधानमंत्री से यह कैसे उम्मीद करती हैं कि वे पाकिस्तान के साथ बातचीत करने की मांग मान लेंगे।
राकेश बजरंगी ने कहा कि यह गुपकार गैंग ऐसे नेताओं का मंच है जो हमेशा पाकिस्तान या चीन के साथ खड़े होते हैं। इनके नेता आतंकवादियों के घर में जाते हैं। कुछ नेता टेरर फंडिंग के चलते जेल में भी हैं। कश्मीर में यही लोग स्थानीय लोगों को स्वायत्ता या सेल्फ रूल के नाम पर भड़काते हैं। प्रदर्शन करने वालों में आस्तिक कोली, ऋषभ, सचिन, प्रवीण, राहुल, अमित, दीपक, शेर सिंह, विशाल राजपूत आदि मुख्य थे। जिन्हें भाजपा ने गैंग कहा, उन्हीं को बैठक में बुलाना सरासर गलत राष्ट्रीय बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष राकेश बजरंगी ने कहा कि भाजपा ने कभी गुपकार संगठन को गुपकार गैंग कहा था और उसी की सरकार ने इस संगठन से जुड़े नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया है।
यह सरासर गलत है। राकेश बजरंगी ने कहा कि केंद्र की तरफ से बुलाई गई आल पार्टी मी¨टग में कश्मीर की पार्टियों को ज्यादा तवज्जो दी गई है। जम्मू से केवल भीम सिंह को निमंत्रित किया गया। यह जम्मू संभाग के प्रति हिकारत भरा व्यवहार है। 70 साल से जम्मू के साथ जो भेदभाव हुआ है, उसके बारे में प्रधानमंत्री को बताने के लिए जम्मू से कुछ बुद्धिजीवियों को भी बैठक में बुलाना चाहिए था।