Jammu Kashmir: जी-23 के सम्मेलन के बाद कांग्रेस में खुलकर फूट आई सामने, आजाद के खिलाफ प्रदर्शन

Congress Protest Against Ghulam Nabi Azad In Jammu कांग्रेस ने उन्हें जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाने के अलावा कई उच्च पदों पर बैठाया लेकिन अब वही आजाद कांग्रेस को मजबूत करने के स्थान पर उसे कमजोर करने में लगे हुए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 12:48 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 01:05 PM (IST)
Jammu Kashmir: जी-23 के सम्मेलन के बाद कांग्रेस में खुलकर फूट आई सामने, आजाद के खिलाफ प्रदर्शन
आजाद ने कांग्रेस को मजबूत करने के स्थान पर प्रधानमंत्री मोदी की तारिफ कर कमजोर करने का काम किया है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू में दो दिन पहले कांग्रेस के असंतुष्ट जी-23 ग्रुप के कुछ सांसदों द्वारा वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के साथ जम्मू में कार्यक्रम आयोजित करने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में अब खुलकर फूट खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस के कई युवा कार्यकर्ता आज मंगलवार को गुलाम नबी आजाद के खिलाफ सड़कों पर आ गए और आलाकमान से उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर डाली। प्रधानमंत्री की आजाद द्वारा सराहना करने से ये युवा कार्यकर्ता इतने आहत नजर आए कि उन्होंने आजाद के पुतले भी जलाए।

जम्मू प्रदर्शनी मैदान के बाहर कांग्रेस के कई कार्यकर्ता युवा नेता शाहनवाज हुसैन की अगुवाई में एकत्रित हुए और उन्होंने आजाद के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि इसमें कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता शामिल नहीं था लेकिन इन्हें प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर का समर्थक माना जा रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर में मजबूत करने के स्थान पर प्रधानमंत्री मोदी की तारिफ कर कमजोर करने का काम किया है। पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल भी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि हाल ही में जिला विकास परिषद के चुनाव में गुलाम नबी आजाद प्रचार के लिए जम्मू-कश्मीर नहीं आए। कांग्रेस ने उन्हें जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाने के अलावा कई उच्च पदों पर बैठाया लेकिन अब वही आजाद कांग्रेस को मजबूत करने के स्थान पर उसे कमजोर करने में लगे हुए हैं। 

Congress workers raise slogans against Ghulam Nabi Azad and burn his effigy in Jammu. They say, "Congress held him in high esteem but today when it's time to support it, he forged friendship with BJP. He didn't come for DDC election campaigning but now he's here, praising PM." pic.twitter.com/cqn3XhxfeP

— ANI (@ANI) March 2, 2021

शाहनवाज जिनके नेतृत्व में प्रदर्शन हो रहा था, वह हाल ही में पुंछ जिले से जिला विकास परिषद केे सदस्य चुने गए हैं। उनका कहना था कि अगर आजाद चाहते तो कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में और बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी लेकिन उन्होंने जिला विकास परिषद के चुनावों में भाग न लेकर पार्टी को कमजोर करने का काम किया। वहीं कांग्रेस के इस प्रदर्शन के बाद प्रदेश में घुटबाजी को और बढ़ावा मिलना तय है। गुलाम नबी आजाद के जम्मू-कश्मीर के दौरे के दौरान ही कई जगह उनके और प्रदेश नेतृत्व केे बीच दूरी देखने को मिली थी।

गांधी ग्लोबल फैमली शांति सम्मेलन के दौरान जब आजाद अपने अन्य साथियों कपिल सिबल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विवेक तनखा, राज बब्बर, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी के साथ भाग लेने पहुंचे थे, तो उस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर सहित प्रदेश का कोई भी कांग्रेस नेता इस सम्मेलन में नजर नहीं आया। यही नहीं आजाद के पोस्टरों में भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी नहीं दिखे। आजाद के दौरे के अंतिम दिन जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की तो उसके बाद से ही ये अनुमान लगाया जाने लगा था कि अब कांग्रेस की घुटबाजी और आंतरिक कलाह सड़कों पर आ सकती है। मंगलवार को जब युवा कांग्रेस कार्यकर्ता आजाद के खिलाफ सड़कों पर उतर आए तो इससे घुटबाजी को और हवा मिली। आने वाले दिनों में इसके प्रदेश की राजनीति में दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

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