Jammu Crime News: बीडीओ माहौर के दो कर्मचारियों की जमानत अर्जी खारिज
प्रिंसिपल सेशन जज रियासी ने ब्लाक डेवलपमेंट आफिस(बीडीओ) माहौर के दो कर्मचारियों जमलदीन व मोहम्मद अशरफ की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने मनरेगा के तहत लाभार्थियों के पैसों का गबन किया।
जम्मू, जेएनएफ । प्रिंसिपल सेशन जज रियासी ने ब्लाक डेवलपमेंट आफिस(बीडीओ) माहौर के दो कर्मचारियों, जमलदीन व मोहम्मद अशरफ की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। इन दोनों पर आरोप है कि उन्होंने मनरेगा के तहत लाभार्थियों के पैसों का गबन किया।
शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने मनरेगा के तहत 2017-18 व 2019 में मनरेगा के तहत काम किया लेकिन बीडीओ कार्यालय के उक्त आरोपितों ने कागजों में उन्हें भुगतान कर दिया लेकिन उन्हें कोई पैसा नहीं दिया गया। इस शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया। पुलिस ने आरोपितों की अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि आरोपितों ने मनरेगा के तहत गबन किया है और इस मामले में कई अन्य कर्मचारी भी शामिल हो सकते है। इसके अलावा घोटाले की राशि का भी पता लगाने के लिए आरोपितों की हिरासत में पूछताछ अनिवार्य है। कोर्ट ने पुलिस की दलील पर सहमति व्यक्त करते हुए दोनों की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया।
एक्सईएन को नोटिस जारी
चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट रियासी ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना माहोर के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को नोटिस जारी कर पूछा है कि वो अपना पक्ष रखे कि कोर्ट के तीन आदेशों का पालन करवाने में विफल रहने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी का आदेश क्यों न जारी किया जाए? कोर्ट ने पाया कि एक्सईएन को वेज एक्ट के तहत एक मामले में पीड़ित को 3,81,082, दूसरे पीड़ित को 1,97,275 रुपये व तीसरे पीड़ित को 3,31,066 रुपये का मुआवजा देने के निर्देश दिए गए थे लेकिन आरोपित ने कोर्ट के इन तीनों फैसलों पर अमल नहीं किया।