Jammu Kashmir: सामुदायिक शिक्षा की पूरी कर ली गई तैयारी, जिला प्रशासन की अनुमति का अब है इंतजार

कोरोना की दूसरी लहर ने सामुदायिक शिक्षा के कदम भी रोक दिए हैं। कश्मीर के दूरदराज इलाकों में सामुदायिक शिक्षा शुरू किए जाने की तैयारी कर ली गई थी और कुछ जगहों पर तो सामुदायिक शिक्षा को शुरू कर दिया था मगर संबंधित जिला प्रशासन ने इसे रोक दिया है।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 05:55 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 05:55 PM (IST)
Jammu Kashmir: सामुदायिक शिक्षा की पूरी कर ली गई तैयारी, जिला प्रशासन की अनुमति का अब है इंतजार
अनंतनाग जिला में भी अध्यापकों ने सामुदायिक शिक्षा की तैयारी की है और प्रशासन की इजाजत का इंतजार है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । कोरोना की दूसरी लहर ने सामुदायिक शिक्षा के कदम भी रोक दिए हैं। कश्मीर के दूरदराज इलाकों में सामुदायिक शिक्षा शुरू किए जाने की तैयारी कर ली गई थी और कुछ जगहों पर तो सामुदायिक शिक्षा को शुरू कर दिया था, मगर संबंधित जिला प्रशासन ने इसे रोक दिया है।

कोरोना की दूसरी लहर में विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने गंभीरता दिखाई है। इस समय जम्मू कश्मीर में 31 मई तक सभी शिक्षण संस्थान बंद है। आन लाइन शिक्षा ही दी जा रही है। प्रशासन बच्चों को खुले में पढ़ाने का जोखिम उठाने को तैयार नहीं है क्योंकि इस कोरोना की लहर बहुत ज्यादा है। 

पिछले वर्ष के मुकाबले में कोरोना संक्रमण के मामले दोगुना से अधिक आ रहे है और मौतें भी अधिक हो रही है। कश्मीर के कुपवाड़ा, अनंतनाग, कुलगाम, बारामुला जिलों में कई दूरदराज इलाके है यहां पर नेटवर्क नहीं है। साथ ही सभी बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं है। जम्मू संभाग के पुंछ, राजौरी, किश्तवाड़ और रामबन जिलों में भी दूरदराज के इलाके है जिनमें नेटवर्क की समस्या है। पिछले वर्ष इन इलाकों में सामुदायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया गया था। करीब चार लाख बच्चों ने सामुदायिक शिक्षा हासिल की थी। अब जिला प्रशासन स्कूल शिक्षा विभाग को सामुदायिक शिक्षा चलाने की अनुमति नहीं दे रहा है।

बारामुला जिला में स्कूल शिक्षा विभाग ने 466 सामुदायिक शिक्षा के लिए जगहों की पहचान की है मगर प्रशासन फिलहाल इसकी इजाजत नहीं दे रहा है। एक अध्यापक ने कहा कि हम बच्चों को पिछले वर्ष की तरह सामुदायिक शिक्षा देने के लिए तैयार हैं। बस अनुमति का इंतजार है। अनंतनाग जिला में भी अध्यापकों ने सामुदायिक शिक्षा की तैयारी की है और प्रशासन की इजाजत का इंतजार है।

लॉकडाउन की पाबंदियों के कारण जिला प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है। पिछले वर्ष बारामुला जिला से ही सामुदायिक शिक्षा की शुरुआत हुई थी जो बाद में पूरे जम्मू कश्मीर तक फैल गई थी। सरकार ने इसके लिए दिशा निर्देश भी जारी कर दिए थे। तब नीति आयोग ने भी इन प्रयासों की सराहना की थी। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रशासनिक सचिव बीके सिंह का कहना है कि टीवी पर वीडियो कक्षाएं शुरू करने की तैयारी है। हम विद्यार्थियों के लिए रेडियो कक्षाएं भी शुरु करेंगे।  

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