टनल धंसने से 'सेवा-दो' से आठ राज्यों में बिजली आपूर्ति प्रभावित

एनएचपीसी की इस जल विद्युत परियोजना से तैयार होने वाली 120 मेगावाट बिजली को कठुआ जिले के किसी भी क्षेत्र में आपूर्ति नहीं किया जा जाता है। यह बिजली कठुआ जिला छोड़ जम्मू कश्मीर पंजाब हिमाचल दिल्ली उत्तराखंड चंडीगढ़ राजस्थान और हरियाणा में आपूर्ति की जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 10:56 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 10:56 AM (IST)
टनल धंसने से 'सेवा-दो' से आठ  राज्यों में बिजली आपूर्ति प्रभावित
टनल धंसने से 'सेवा-दो' से आठ राज्यों में बिजली आपूर्ति प्रभावित

जागरण न्यूज नेटवर्क, बनी/कठुआ : भूस्खलन से एनएचपीसी की सेवा-दो जल विद्युत परियोजना की टनल धंसने से यहां से जम्मू कश्मीर समेत आठ राज्यों में बिजली की आपूर्ति बंद हो गई है। यह परियोजना कठुआ जिले के पहाड़ी क्षेत्र बनी में है। बांध से पावर हाउस तक पानी पहुंचाने वाली इस टनल को ठीक करने के लिए एनएचपीसी के विशेषज्ञों की टीम पहुंच गई है। टीम ने टनल का निरीक्षण किया है, लेकिन मरम्मत का काम कितने दिनों में शुरू हो सकेगा, इस बारे में पुख्ता तौर पर कोई कुछ कहने के लिए तैयार नहीं है। यहां तीन दिन से बिजली उत्पादन बंद पड़ा है। बांध के गेट खोलकर इसे लगभग खाली कर दिया गया है।

एनएचपीसी की इस जल विद्युत परियोजना से तैयार होने वाली 120 मेगावाट बिजली को कठुआ जिले के किसी भी क्षेत्र में आपूर्ति नहीं किया जा जाता है। यह बिजली कठुआ जिला छोड़ जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, उत्तराखंड, चंडीगढ़, राजस्थान और हरियाणा में आपूर्ति की जाती है। इस परियोजना में 40-40 मेगावाट क्षमता की तीन टरबाइन हैं। जो टनल धंसी है, उससे पावर हाउस तक पानी पहुंचाया जाता है। इसका निरीक्षण करने के लिए दिल्ली से टीम पहुंच चुकी है। इस टीम ने रविवार को पूरे दिन टनल के अंदर जाकर खराब हुए हिस्से का निरीक्षण किया। दिन भरी टीम व्यस्त रही, लेकिन टनल की मरम्मत का काम दूसरे दिन भी शुरू नहीं हो पाया।

एनएचपीसी के विशेषज्ञ पावर स्टेशन के प्रमुख देशमुख के साथ एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्रीमान कपल और एनएचपीसी सेवा-दो महाप्रबंधक जीएम वेदी राम भी दिल्ली से आई टीम के साथ थे। अभी तक यह अनुमान नहीं लगाया जा सका है कि आखिर कितने दिनों में खराब हिस्से की मरम्मत हो सकेगी। अगर मामला लंबा खिंचता है तो जम्मू कश्मीर समेत आठ राज्यों में बिजली की काफी कमी हो जाएगी। बांध के गेट खोले

तीन दिन से परियोजना बंद है। इसलिए 53 मीटर ऊंचे इस बांध के गेट अब पूरी तरह से खोल दिए गए हैं। बांध में रुके पानी को सेवा दरिया में छोड़ दिया गया है। सेवा दरिया रावी की सहायक नदी है। लोगों को इसके पास न जाने के लिए कहा गया है। जो बांध लबालब रहता है आज यह सूखे खड्ड जैसा नजर आ रहा है। ---

टनल की मरम्मत का काम सोमवार से शुरू होने की उम्मीद है। कितने दिनों तक इसको ठीक कर लिया जाएगा। एनएचपीसी की टीम ने टनल के अंदर जायजा लिया है। जहां पर टनल धंसी है, वहां तक पहुंचने में टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एडिट दो और तीन के बीच टनल खराब हुई है। प्रोजेक्ट बंद होने के कारण एनएचपीसी को लाखों रुपये का घाटा हो रहा है।

-रघुनाथ जाहोर, मैनेजर एनएचपीसी

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