Jammu Kashmir: कठुआ से जम्मू के बीच बस दौड़ा रहीं सांधर की पूजा, नारी शक्ति का दे रही संदेश

अगर कोई महिला सार्वजनिक परिवहन की चालक बनती है तो निसंदेह एक बुलंद हौसले का काम है। कठुआ जिले के पहाड़ी क्षेत्र बसोहली के गांव सांधर की पूजा निजी बस चालक है। उसकी हर कोई सराहना कर रहा है। जम्मू-कठुआ रूट पर निजी यात्री बस की पहली महिला चालक है

By VikasEdited By: Publish:Thu, 24 Dec 2020 01:22 PM (IST) Updated:Thu, 24 Dec 2020 01:22 PM (IST)
Jammu Kashmir: कठुआ से जम्मू के बीच बस दौड़ा रहीं सांधर की पूजा, नारी शक्ति का दे रही संदेश
जम्मू-कठुआ रूट पर निजी यात्री बस दौड़ाती कठुआ जिला के बसोहली के गांव सांधर की पूजा।

कठुआ, राकेश शर्मा । अगर कोई महिला सार्वजनिक परिवहन की चालक बनती है तो निसंदेह एक बुलंद हौसले का काम है। कठुआ जिले के पहाड़ी क्षेत्र बसोहली के गांव सांधर की पूजा निजी बस चालक है। उसकी हर कोई सराहना कर रहा है। वह कठुआ जिला ही नहीं, बल्कि जम्मू-कठुआ रूट पर निजी यात्री बस की पहली महिला चालक है। कठुआ-जम्मू रूट पर कोई भी उसे बस चलाते देखता है तो उसकी तारीफ किए बिना नहीं रहता।

पूजा ने यात्री बस का स्टेयरिंग पकड़ कर साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। गांव सांधर की रहने वाली पूजा कहती हैं कि उन्हें पहले से ही बड़ी गाड़ी चलाने का शौक था, लेकिन परिवार वाले ऐसा नहीं चाहते थे। मैं ज्यादा पढ़ी लिखी भी नहीं हूं। इसके चलते उसके लिए ये काम सही था। कुछ साल पहले उन्होंने ड्राइविंग सीखने के लिए टैक्सी चलाई। इसके बाद जम्मू में ट्रक चलाया और अब स्थानीय ट्रांसपोर्टर ने बस चलाने का मौका देकर सपना पूरा कर दिया है। आज वह काफी खुश है।

बचपन से ही बड़ी गाड़ी चलाने का शौक था

मैं उन सभी महिलाओं को संदेश देती हूं, जो घर परिवार से ऐसा काम करने से पीछे रहती हैं। उन्हें भी मेरी तरह घर से ऐसा काम करने के लिए इजाजत नहीं मिलेंगी, लेकिन ऐसा नहीं है। मेरा बचपन से ही बड़ी गाड़ी चलाने का शौक था, लेकिन परिवार वाले ऐसा नहीं चाहते थे। मैं ज्यादा पढ़ी लिखी भी नहीं हूं, जिसके चलते उसके लिए ये काम सही था। कुछ साल पहले उसने ड्राइविंग सीखने के लिए टैक्सी चलाई, उसके बाद जम्मू में ट्रक चलाया और अब उसे स्थानीय एक ट्रांसपोर्टर ने उनकी ड्राइविंग को देखते हुए उसे अपनी लाखों की बस चलाने का मौका देकर उनका सपना पूरा कर दिया है।

काफी मेहनत से इस मुकाम पर पहुंची 

आज वो पहली बार बस चलाकर काफी खुश है। काफी मेहनत से इस मुकाम पर पहुंची है। वह उन सभी महिलाएं को संदेश देती हूं, जो घर परिवार से ऐसा काम करने से पीछे रहती हैं हालांकि उन्हें भी मेरी तरह घर से ऐसा काम करने के लिए इजाजत नहीं मिलेंगी ,लेकिन ऐसा नहीं है,महिलाएं सब कुछ कर सकती है,इसलिए महिलाएं जो जिस क्षेत्र मेेंं रुचि रखती है,उसमें आगे आएं, मेरा परिवार भी, जो मेरे खिलाफ था, आज उसे देखकर खुश हो रहा होगा।

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