Painter Murder Case: पैसों के लेनदेन के चक्कर में हुई थी पेंटर की हत्या, पुलिस ने सुलझाई गुत्थी

गोल पुली पंजपीर इलाके में वीरवार को पेंटर की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। हत्या के आरोप में पुलिस ने मृतक के दोस्त को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि दोनों दोस्तों में पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 07:26 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:26 PM (IST)
Painter Murder Case: पैसों के लेनदेन के चक्कर में हुई थी पेंटर की हत्या, पुलिस ने सुलझाई गुत्थी
पंजपीर इलाके में बीते वीरवार को पेंटर की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है।

जम्मू, जागरण संवाददाता : दोमाना थानांतर्गत गोल पुली, पंजपीर इलाके में बीते वीरवार को पेंटर की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझाने का दावा किया है। हत्या के आरोप में पुलिस ने मृतक के दोस्त को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि दोनों दोस्तों में पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था। आरोपित ज्ञान दास निवासी तहसील वासना, छत्तीसगढ़ ने पूछताछ में हत्या की वारदात को अंजाम देने की बात कबूली है।

एसएसपी श्रीधर पाटील ने बताया कि वीरवार को रामपाल निवासी गोल पुली ने दोमाना पुलिस को सूचना दी थी कि उसके प्लाट में बनी झुग्गियों में रहने वाले छत्तीसगढ़ निवासी रमेश यादव का शव झुग्गी के अंदर खून से सना हुआ पड़ा है। उसके सिर पर चोट लगी है। सूचना मिलते ही पौणीचक्क चौकी प्रभारी मुख्तियार अली एफएसएल टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे और वहां से सबूत जुटा लिए थे। हत्या के इस मामले के बाद पुलिस ने कुछ संदिग्ध लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। जांच के दौरान ज्ञान दास जो मृतक का दोस्त था, उसका नाम सामने आया। पुलिस ने जब ज्ञान दास की तलाश शुरू की तो वह अपनी झुग्गी से गायब था। ज्ञान भी उसी प्लाट में बनी झुग्गी में रहता था, जिसमें मृतक रमेश यादव रहा करता था।

ज्ञान दास के वारदात के बाद से गायब होने से पुलिस का शक उस पर गहरा गया। पुलिस पार्टियों को ज्ञान दास की तलाश के लिए बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर रवाना किया गया। शुक्रवार दोपहर को ज्ञान दास जब ज्यूल चौक से रेलवे स्टेशन की ओर जा रहा था ताकि वह अपने घर छत्तीसगढ़ के लिए रवाना हो सके। उससे पूर्व ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। ज्ञान ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसने रमेश यादव से पैसे लेने थे। पैसे देने के रमेश आनाकानी कर रहा था। वारदात की रात को भी उसने सोच लिया था कि रमेश ने यदि उसे रुपये नहीं लौटे तो वह उसकी हत्या कर देगा। रमेश के साथ पार्टी करने के लिए वह उसकी झुग्गी में गया। दोनों में रुपये लौटने को लेकर बहस हो गई थी। इसके बाद गुस्से में ज्ञान दास ने रमेश यादव का सिर फर्श पर पटक कर उसे मार डाला और स्वयं मौके से फरार हो गया।

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