Jammu Kashmir: शहर में थानेदारों की हुकुमत, दुकानदार-रेस्तरां मालिक परेशान, जानिए क्या है पूरा मामला

कोविड-19 को लेकर प्रदेश प्रशासन की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई जिसके तहत रेस्तरां व खाने-पीने वाली दुकानों को रात दस बजे तक खुलने की अनुमति दी गई है। गाइडलाइंस में सब कुछ स्पष्ट होने के बावजूद शहर के कुछ थानेदार अपनी थानेदारी चला रहे हैं।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 03:38 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 03:38 PM (IST)
Jammu Kashmir: शहर में थानेदारों की हुकुमत, दुकानदार-रेस्तरां मालिक परेशान, जानिए क्या है पूरा मामला
गाइडलाइंस में सब कुछ स्पष्ट होने के बावजूद शहर के कुछ थानेदार अपनी थानेदारी चला रहे हैं।

जम्मू, जागरण संवाददाता। कोविड-19 को लेकर प्रदेश प्रशासन की ओर से नई गाइडलाइंस जारी की गई जिसके तहत रेस्तरां व खाने-पीने वाली दुकानों को रात दस बजे तक खुलने की अनुमति दी गई है। गाइडलाइंस में सब कुछ स्पष्ट होने के बावजूद शहर के कुछ थानेदार अपनी थानेदारी चला रहे हैं।

कुछ इलाकों में तो खाने-पीने की दुकानें व रेस्तरां दस बजे तक खुल रहे हैं लेकिन कुछ इलाकों में थानेदार अपनी धौंस जमाते हुए आठ बजे ही सबकुछ बंद करवा रहे हैं और आठ बजे से कोरोना कर्फ्यू लागू करवाया जा रहा है। ऐसे में ढाबे व छोटे-मोटे रेस्तरां चलाने वाले दुविधा में है कि आखिर वो क्या करें। सरकार कहती है कि दस बजे तक रेस्तरां-ढाबे खाेलों और अगर आठ बजे तक बंद न करें तो थानेदार साहिब जबरन बंद करवाने पहुंच जाते हैं। गत दिनों तो गांधी नगर हाईवे पर लगने वाले रेहड़ी जोन में आठ बजे के बाद रेहड़ियां खुली रहने पर पुलिसकर्मियों ने इन लोगों को उठाकर थाने भी डाल दिया। अब ऐसे में किसकी चलेगी ये तो जिला प्रशासन ही स्पष्ट कर सकता है।

बाजारों में सन्नाटा

मानसून के इन दिनों में जम्मू संभाग में कई धार्मिक यात्राओं का आयोजन होता है जिससे बाजारों में भी काफी चहल-पहल नजर आती है लेकिन इस बार भी मानसून के इस मौसम में बाजारों में सन्नाटा नजर आ रहा है। जुलाई के महीने में वार्षिक अमरनाथ यात्रा, मचेल माता की यात्रा व उसके बाद बुड्ढा अमरनाथ यात्रा को लेकर काफी उत्साह रहता है। इन यात्राओं में हिस्सा लेने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु जम्मू पहुंचते है जिससे बाजारों में भी रौनक रहती है। यह लगातार दूसरा साल है, जब इस सीजन में इन यात्राओं का आयोजन नहीं हो रहा। इसका सीधा प्रभाव शहर के कारोबार पर भी पड़ा है। शायद यहीं कारण है कि इन दिनों बाजारों में समय से पहले सेल का सीजन शुरू हो गया है। कपड़ों-जूतों के अधिकतर ब्रांडेड शोरूम में इन दिनों खरीदारी पर आकर्षित छूट दी जा रही है ताकि किसी तरह से स्थानीय ग्राहकों को ही आकर्षित किया जा सके।

कैटरर्स बन गए बैंक्वेट हाल वाले

कोरोना महामारी के बीच पिछले तीन महीनों से शहर के बैंक्वेट हाल बंद पड़े हुए है। शहर के कई बड़े बैंक्वेट हाल ऐसे भी है जिनके पास कैटरिंग की भी खुद की व्यवस्था रहती है। ऐसे में बैंक्वेट हाल में तो कोई समारोह होने से रहा और न ही 25 लोगों के समारोह के लिए पूरे बैंक्वेट हाल को खोला जा सकता है, इसलिए इन्होंने अपना खर्च निकालने के लिए कैटिरंग का कारोबार शुरू कर दिया है। शहर कई नामी बैंक्वेट हाल इन दिनों कैटरिंग की सुविधा दे रहे हैं। ये बैंक्वेट हाल संचालक इन दिनों लोगों को एसओपी के तहत 25 लोगों के लिए कार्यक्रम करने की जगह भी उपलब्ध करवा रहे हैं और उनके लिए शाकाहारी व मांसाहारी खाना भी उपलब्ध करवा रहे हैं। ऐसा करके ये बैंक्वेट हाल संचालक इस बुरे दौर में किसी तरह से अपना व अपने कर्मचारियों का खर्च निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का दूसरा चरण शुरू

गत वर्ष शुरू किए गए चीनी उत्पादों के बहिष्कार के अभियान के क्रम में देश के व्यापारियों ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत के आवाहन को सफल बनाने की दिशा में व्यापारियों के इस कदम को काफी अहम माना जा रहा है। पिछले साल राष्ट्रीय स्तर पर जब यह अभियान शुरू हुआ था तो इसे लेकर जम्मू में भी काफी हलचल देखने को मिली थी। अब एक बार फिर त्योहारों के सीजन से पहले अभियान का दूसरा चरण शुरू किया गया है ताकि व्यापारी आने वाले दिनों में खरीदारी करते समय चीनी वस्तुओं की खरीद न करें। मौजूदा समय में अगर व्यापारी मंडियों से चीनी वस्तुओं की खरीद नहीं करेंगे तो आने वाले त्योहारों के सीजन में बाजारों में चीनी वस्तुओं की बिक्री भी कम होगी। यहीं कारण है कि इस मुहिम को अभी से शुरू कर दिया गया है। 

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