Dharmarth Trust Employees Protest: प्रदर्शन कर रहे धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों पर पुलिस ने भांजी लाठियां, पांच घायल

पिछले 93 दिनों से धर्मार्थ ट्रस्ट के मंदिरों का अलग से बोर्ड बनाने या धर्मार्थ ट्रस्ट का श्री माता वैष्णो देवी बोर्ड में विलय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारि सड़कों पर आ गए तो पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर खूब लाठियां भांजी

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 06:58 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 06:58 PM (IST)
Dharmarth Trust Employees Protest: प्रदर्शन कर रहे धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों पर पुलिस ने भांजी लाठियां, पांच घायल
प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए तो पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर खूब लाठियां भांजी।

जम्मू, जागरण संवाददाता : पिछले 93 दिनों से धर्मार्थ ट्रस्ट के मंदिरों का अलग से बोर्ड बनाने या धर्मार्थ ट्रस्ट का श्री माता वैष्णो देवी बोर्ड में विलय की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों को ट्रस्ट प्रबंधन के धमकाने पर प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए तो पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों पर खूब लाठियां भांजी। जिसमें पांच कर्मचारी घायल हो गए। इनमें तीन महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे।

कर्मचारी ट्रस्ट प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर पहुंचे ही थे और अपनी परेशानियों को लेकर सचिवालय की ओर जाने की सोच ही रहे थे कि पुलिस ने बल प्रयोग कर कर्मचारियों को वहां से खदेड़ना चाहा। कर्मचारियों के अनुसार, पुलिस ने ट्रस्ट के इशारे पर कुछ विशेष कर्मचारियों को निशाना बनाया। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि पिछले 93 दिनों से कर्मचारी शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। वह अपनी कोई भी परेशानी लेकर जब भी पुलिस के पास गए हैं, ताे उनकी एक नहीं सुनी गई ।पुलिस धर्मार्थ ट्रस्ट प्रबंधन के इशारों पर काम कर रही है ।

सुबह धर्मार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष, सचिव और प्रशासक श्री रणबीरेश्वर मंदिर में जारी प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और कर्मचारियों को वहां से हट जाने के लिए कहा ।वह अपने साथ प्राइवेट सिक्योरिटी के कुछ लोगों को भी साथ लाए थे ।धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों अनुसार धर्मार्थ ट्रस्ट प्रबंधन सिक्योरिटी की वर्दी में गुंडों को लाया था ।जब सभी कर्मचारी हड़ताल पर हैं तो धर्मार्थ ट्रस्ट नई नियुक्तियां कैसे कर सकता है ।बड़ी बात यह है कि जिन कर्मचारियों को ट्रस्ट में काम करते 20 से 30 वर्ष हो गए हैं, उनका वेतन दस हजार से नीचे है जबकि नए तैनात सुरक्षा बलों को 15 हजार के ऊपर वेतन देने की घोषणा की गई है ।

वहीं धर्मार्थ ट्रस्ट इंप्लाइज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ठाकुर करनैल चंद ने कहा कि जब भी धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों ने एसोसिएशन के गठन किया है, अपनी मांगे धर्मार्थ ट्रस्ट प्रबंधन तक पहुंचाने का प्रयास किया। उसी समय धर्मार्थ ट्रस्ट प्रबंधन ने आवाज उठाने वालों को सस्पैंड कर दिया या नौकरी से निकाल दिया ।मंदिरों की संपत्ति को गैर हिन्दुओं को बेचा गया। अब तक करोड़ों की संपत्ति बेच दी गई । धर्मार्थ ट्रस्ट में कई घोटाले हुए हैं। इन घोटालों की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग कर्मचारी लगातार करते आ रहे हैं । प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने कहा कि अगर जल्द उनकी मांगे पूरी न की गई तो उन्हें आंदोलन और तेज करना होगा ।

शिवरात्रि समारोह में पूरा काम करेंगे आंदोलन कर रहे कर्मचारी

पिछले तीन महीनों से कोई वेतन न मिलने के बावजूद आंदोलन कर रहे धर्मार्थ ट्रस्ट कर्मचारियों ने कहा कि महाशविरात्रि पर्व पर आंदोलन कर रहे सभी कर्मचारियों का पूरा साथ रहेगा।आंदोलन कर रहे सभी कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारियां सौंप दी गई हैं।उन्होंने विश्वास जताया कि इस वर्ष का आयोजन पिछले अायोजनों से बेहतर रहेगा। किसी श्रद्धालु को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।

धर्मार्थ ट्रस्ट इंप्लाइज एसोसिएशन की अध्यक्ष विवेक बंद्राल ने कहा कि बेशक सभी पुजारी हड़ताल पर है लेकिन उसके बावजूद हर मंदिर में नियमित पूजा अर्चना हो रही है ।आरती के बाद सभी कार्य निपटा कर ही कर्मचारी धरना स्थल पर पहुंचते हैं । धर्मार्थ ट्रस्ट इस समय शिवरात्रि के आयोजन को लेकर कई तरह की बहानेवाजी कर रही है। लेकिन हालत यह है कि आज तक मंदिरों में रंग रोगन आदि नहीं करवाया गया है। श्री रणबीरेश्वर मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं लेकिन आज तक मंदिर की सफेदी तक नहीं करवाई गई।धर्मार्थ ट्रस्ट को इस समय मात्र यही चिंता सता रही है कि चढ़ावे का क्या होगा । उन्हें धर्म या लोगों की आस्था से कोई लेना देना नहीं हैं। धरने पर बैठे सभी लोग मंदिरों का विकास चाहते हैं। जिस तरह माता वैष्णो देवी श्राइन बाेर्ड बनने के बाद उस क्षेत्र का विकास हुआ उसी तरह का विकास सभी मंदिरों का अलग से बोर्ड बनाने से भी संभव है। 

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