Jammu Bandh: पुलिस ने घरों में घुसकर युवकों को पीटा, किया गिरफ्तार, विरोध में महिलाएं सड़कों पर उतरी

राज्य की पूर्वमुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा है कि पुलवामा आत्मघाती हमले की आड़ में कश्मीरियों को नाजायद तंग किया जाना उचित नहीं है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 04:54 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 04:54 PM (IST)
Jammu Bandh: पुलिस ने घरों में घुसकर युवकों को पीटा, किया गिरफ्तार, विरोध में महिलाएं सड़कों पर उतरी
Jammu Bandh: पुलिस ने घरों में घुसकर युवकों को पीटा, किया गिरफ्तार, विरोध में महिलाएं सड़कों पर उतरी

जम्मू, जेएनएन। जम्मू पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के जानीपुर इलाके में पुलिस द्वारा युवकों को उनके घरों से निकालकर पिटाई करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किए जाने के विरोध में क्षेत्र की महिलाएं सड़कों पर आ गई। उन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ नारेबाजी भी की। हुआ यूं कि क्षेत्र में इस्टेट विभाग के क्वाटरों में रह रहे कश्मीरी कर्मचारियों और स्थानीय युवाओं के बीच पथराव की घटना को देखते हुए सेना ने कुछ युवाओं को अपने पास बैठा लिया। शाम होते तक इनकी संख्या काफी बढ़ गई। सेना के जवान उन्हें शांति बनाए रखने के लिए समझा रहे थे। तभी पुलिस के कुछ अधिकारी और जवानों ने सेना द्वारा बैठाए गए युवाओं को गाड़ी में बैठाना शुरू कर दिया।

सेना के जवान नहीं चाहते थे कि युवाओं को गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने पुलिस को यह समझाया कि अगर इन्हें गिरफ्तार किया गया तो शहर में उन्माद और बढ़ेगा। लेकिन पुलिस कर्मी नहीं माने और उन्होंने युवाओं को गिरफ्तार कर लिया। सुबह हुई हिंसक घटनाओं के बाद पुलिस ने जानीपुर इलाके में कई घरों में छापे मारकर युवाओं को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि परिवार के सदस्यों ने इसका कड़ा विरोध भी किया कि उनके बच्चों को इसमें कोई हाथ नहीं है लेकिन पुलिस कर्मियों ने उनकी एक न मानी और उन्हें पकड़कर थाने ले गए।

इससे क्षुब्ध क्षेत्र की महिलाएं घरों से बाहर आ गई। उन्होंने सड़कों पर उतरकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तारी के दौरान उनसे गालीगलोच किया। बच्चों से मारपीट भी की। महिलाएं मांग कर रही हैं कि उनके बच्चों को रिहा किया जाए। पुलिस ने अभी तक तीस के करीब युवाओं को हिरासत में लिया है। पुलिस की कार्रवाई का वहां तैनात सैन्य जवानों ने भी विरोध किया। इस घटना से क्षुब्ध सैन्यकर्मी वहां से जाने लगे तो उनका नेतृत्व कर रहे कर्नल ने स्थिति को संभाल लिया। बाद में जम्मू-कठुआ रेंज के डीआईजी विवेक गुप्ता, एसएसपी तेजेंद्र सिंह और आर्मी जनरल भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। अभी भी विस्फोटक बनी हुई है और महिलाएं मांग कर रही हैं कि गिरफ्तार युवाओं को रिहा किया जाए।

इसी बीच राज्य की पूर्वमुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा है कि पुलवामा आत्मघाती हमले की आड़ में कश्मीरियों को नाजायद तंग किया जाना उचित नहीं है। 

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