कविताओं के जरिए पेड़ों का किया गुणगान

जागरण संवाददाता, जम्मू : राजकीय वानिकी अनुसंधान की ओर से पर्यावरण पर कराए गए सेमिनार में

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Nov 2018 04:01 AM (IST) Updated:Thu, 15 Nov 2018 04:01 AM (IST)
कविताओं के जरिए पेड़ों का किया गुणगान
कविताओं के जरिए पेड़ों का किया गुणगान

जागरण संवाददाता, जम्मू : राजकीय वानिकी अनुसंधान की ओर से पर्यावरण पर कराए गए सेमिनार में कवियों, लेखकों ने अपनी कविता कहानियों के माध्यम से पेड़ों की महत्ता का बखूबी वर्णन किया और समाज को जागृत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष ओम प्रकाश विद्यार्थी ने की। अपने भाषण में उन्होंने जंगल के दर्द को बखूबी से बयान किया। कहा कि यही जंगल आज पर्यावरण को संरक्षित कर रहा है। जंगल में लगे पेड़ पौधे एक ओर वन्यजीवों के आहर को पूरा करते हैं तो वहीं यह उनके लिए आश्रय स्थल भी हैं। अगर पेड़ ही न हों तो यह पक्षी अपने घरौंदे कहां बनाएंगे।

उन्होंने लोगों से कहा कि वे पेड़ों के महत्व को जानने का प्रयास करें। एक बार इंसान जान ले कि आखिर पेड़ किस कदम हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, वे अपने आप इन पेड़ों का संरक्षण करने लग पड़ेंगे।

मौके पर लेखिका संवदेना शर्मा ने पॉलीथिन का परित्याग कर पारंपरिक वस्तुओं के इस्तेमाल पर जोर दिया। कहा कि पहले जमाने में पेड़ों के पत्तों की बनी पत्तलों पर भोजन परोसा जाता था, लेकिन आज पॉलीथिन ने इसकी जगह ले ली है। मौके पर अन्य कवियों व लेखकों ने भी अपनी राय रखी।

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