Jammu : मुशायरे, सांस्कृतिक कार्यक्रम कर मनाया मातृभाषा दिवस
जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी ने बहुभाषी मुशायरे एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर विश्व मातृभाषा दिवस मनाया। केएल सहगल हाल में आयोजित मुशायरे में पंजाबी डोगरी कश्मीरी गोजरी और पहाड़ी भाषा के कवियों ने अपनी कविताओं से मन मोह लिया।
जम्मू , जागरण संवाददाता : जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी ने बहुभाषी मुशायरे एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन कर विश्व मातृभाषा दिवस मनाया। केएल सहगल हाल में आयोजित मुशायरे में पंजाबी, डोगरी, कश्मीरी, गोजरी और पहाड़ी भाषा के कवियों ने अपनी कविताओं से मन मोह लिया। मुशायरे में अजीत ¨सह मस्ताना, जो¨गदर ¨सह शान, बचन भारती, भूपेन्द्र बार्गव ने पंजाबी कविताएं सुनाई।
डोगरी में मोहन ¨सह, केवल कुमार केवल, बिशन ¨सह दर्दी, इंद्रजीत कैसर, उषा किरण किरण ने अपनी रचनाएं सुनाई। उषा किरण की लोरी जिसके बोल थे 'अपनी माऊ दा उच्चा करेयां तू नां, सेई जा मुन्नुआ, तुकी लोरियां सनां..'। केवल कुमार केवल ने अपनी हास्य कविता से लोटपोट किया। कविता के बोल थे। इंटरनेट नै करि दित्त दुनिया बिच्च कमाल, थाहरो थाहर पुज्जै करदा इसदा बुनेया जाल, चन्न तारें दी गल्ल ऐकरदा, मेरा बीइक लाल, आंड गुआंड के होऐ करदा, इन्ना नई ख्याल.. के माध्यम से मोबाइल के दीवाने लोगों पर व्यंग्य किया। कश्मीरी में एके ना•ा, प्रेमनाथ शाद, अशोक गोहर, मोती लाल मसरूफ, संतोष शाह नादान ने कश्मीरी में जबकि शेख जहूर-उद-दीन, तनवीर इकबाल मलिक, आरिफ इकबाल मलिक, अनवर हुसैन ने गोजरी कलाम सुनाए। स्वामी अंतर नीरव ने पहाड़ी कविता से सभी को गुदगुदाया। डॉ. शाहनवाज चौधरी ने मंच संचालन किया।
जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी के अतिरिक्त सचिव डा. अर¨वद्र ¨सह अमन ने आमंत्रित मेहमानों, कवियों का स्वागत किया। अभिनव थियेटर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में निर्भय सलाथियां, विशाखा भारद्वाज, राकेश आनंद राजीव सालोत्रा, जो¨गदर पाल, संजय कुमार, परमजीत ने अपनी प्रतिभा से कार्यक्रम को चार चांद लगाए।