Jammu and Kashmir: लद्दाख के कवि ने गलवन में भारतीय जवानों की बहादुरी पर लिखी कविता

लामाओं की तपभूमि है यह वीरों की यह रणभूमि है -फुंसुक ने कहा हम पर हमला होता है तो सरकार व सेना के साथ मिलकर लड़ेंगे-

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 08:26 AM (IST) Updated:Mon, 06 Jul 2020 10:42 AM (IST)
Jammu and Kashmir: लद्दाख के कवि ने गलवन में भारतीय जवानों की बहादुरी पर लिखी कविता
Jammu and Kashmir: लद्दाख के कवि ने गलवन में भारतीय जवानों की बहादुरी पर लिखी कविता

जम्मू, राज्य ब्यूरो। पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में चीन के सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देते अपने प्राण न्यौछावर करने वाले भारतीय जवानों को फुंसुक लद्दाखी ने अपनी कविता से श्रद्धांजलि दी है। लद्दाख के कवि फुंसुक की ¨हदी में लिखी कविता उन लद्दाखियों की भावनाओं की प्रतीक है, जो गत माह गलवन में हुई हिंसक झड़प के लिए चीन से बदला लेना चाहते हैं।

लद्दाख के निवासी भारतीय सेना के उन वीरों के आभारी हैं, जिन्होंने चीन के मंसूबों को नाकाम बनाने के लिए जान की बाजी लगा दी। फुंसुक ने सेना की बहादुरी पर लिखा है कि खाके सौगंध मिट्टी की, पी के पानी ¨सध का, शोला बनकर बरसा 16 बिहार पाप पर, पाप नष्ट किया, भस्म किया, शत्रु नष्ट किया। अमर रहे शहीद, लामाओं की तपोभूमि है यह, वीरों की यह रणभूमि है। भारत का सरताज है लद्दाख।

फुंसुक का कहना है कि इस समय लद्दाख में हर जिले से सैनिक देश की सरहदों की रक्षा करने के लिए तैनात हैं। लद्दाख की घरती पर वीरों की कमी नहीं है। लद्दाख के लोग स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं। अगर हम पर हमला होता है तो हम सरकार व सेना के साथ मिलकर दुश्मन से लड़ेंगे। विस्तारवादी चीन हर तरफ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने शांति, भाईचारे का संदेश फैलाने के लिए बौद्ध धर्म को भारत सहित एशिया में फैलाया था। हम युद्ध नहीं चाहते हैं। यह किसी समस्या का समाधान नहीं है, लेकिन लद्दाख के लोग किसी भी हालात का सामना करने के लिए तैयार हैं।

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