देश-विदेश में नाम रोशन कर रही जम्मू की बेटी को भूली सरकार

जागरण संवाददाता, जम्मू : खेलो इंडिया और बेटियों को आगे बढ़ाने के तमाम दावों के बीच जम्मू की सपना जै

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 08:02 AM (IST) Updated:Mon, 16 Dec 2019 08:02 AM (IST)
देश-विदेश में नाम रोशन कर रही जम्मू की बेटी को भूली सरकार
देश-विदेश में नाम रोशन कर रही जम्मू की बेटी को भूली सरकार

जागरण संवाददाता, जम्मू : खेलो इंडिया और बेटियों को आगे बढ़ाने के तमाम दावों के बीच जम्मू की सपना जैन एक ऐसी खिलाड़ी हैं जिसने पिछले तीन साल में न केवल राज्य स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीत कर जम्मू का नाम रोशन किया है। इसके बावजूद आज तक सपना जैन को सरकार की तरफ से न कोई आर्थिक मदद मिली और न ही सरकार का कोई प्रतिनिधि उनकी पीठ थपथपाने पहुंचा। इसके लिए युवा सेवा एवं खेल विभाग का तर्क भी काफी बेतुका है कि उनका खेल जम्मू-कश्मीर के उस एसआरओ में नहीं आता जिसके तहत खेलों को मान्यता दी गई है। जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश भी बन चुका है लेकिन विभाग अभी भी तत्कालीन एसआरओ की आड़ में उभरते खिलाड़ियों की अनदेखी कर रहा है।

दो बच्चों की मां सपना जैन पावर लिफ्टिग खेल से जुड़ी हैं। गत दिनों जब वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण समेत चार पदक जीत कर जम्मू पहुंचीं तो सरकार की तरफ से कोई उनका स्वागत करने भी नहीं पहुंचा। अक्टूबर में केरल में हुई राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में देश भर की 48 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया जिसमें से सपना ने विभिन्न श्रेणियों में तीन स्वर्ण पदक हासिल किए। यहीं पर एशियन क्लासिक पावर लिफ्टिग प्रतियोगिता 2019 के लिए उनका चयन हुआ। दो दिसंबर से आठ दिसंबर तक चली इस प्रतियोगिता में सपना जैन ने एक स्वर्ण, एक रजत व दो कांस्य पदक हासिल किए। कजाखिस्तान में हुई इस प्रतियोगिता में जम्मू के साथ देश का गौरव बढ़ाकर त्रिकुटा नगर निवासी सपना जैन जब जम्मू पहुंचीं तो सरकार की तरफ से उनका स्वागत करने वाला कोई नहीं था।

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प्रोत्साहन मिल जाए तो भी ठीक

सरकार कहती है कि पावर लिफ्टिग खेल एसआरओ के तहत नहीं आता, इसलिए कोई आर्थिक सहयोग नहीं दिया जा सकता। हर खिलाड़ी पैसे के लिए नहीं खेलता। अगर सरकार की तरफ से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल करने वाले खिलाड़ियों की पीठ भी थपथपा दे तो उन्हें प्रोत्साहन मिलता है। मेरे साथ कई राज्यों के खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में आए थे। दिल्ली सरकार ने अपने खर्च पर सभी खिलाड़ियों को भेजा था। अब जम्मू-कश्मीर भी एक केंद्र शासित प्रदेश है, लिहाजा यहां के खिलाड़ियों को भी अन्य राज्यों के खिलाड़ियों की तरह सहयोग मिलना चाहिए। मै तो परिवार के सहयोग से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले पाई लेकिन बहुत से ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने खर्च पर दूसरे राज्यों या देशों में खेलने नहीं जा पाते। सरकार को इनके बारे में सोचना चाहिए। अगर खिलाड़ी किसी भी खेल में पदक जीतकर लाएगा तो इससे जम्मू-कश्मीर का नाम ही रोशन होगा।

-सपना जैन, खिलाड़ी, पावर लिफ्टिंग

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