Jammu : 698 सब-इंस्पेक्टरों के चयन को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज

पुलिस विभाग में 698 सब-इंस्पेक्टरों के चयन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए चयन को बरकरार रखा है। इस मामले में हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने भी चयन को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी थी।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 04:35 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 04:35 PM (IST)
Jammu : 698 सब-इंस्पेक्टरों के चयन को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज
698 सब-इंस्पेक्टरों के चयन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए चयन को बरकरार रखा है।

जम्मू, जेएनएफ : जम्मू-कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने पुलिस विभाग में 698 सब-इंस्पेक्टरों के चयन को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करते हुए चयन को बरकरार रखा है। इस मामले में हाईकोर्ट के सिंगल बेंच ने भी चयन को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी थी। याचिकाकर्ताओं ने सिंगल बेंच के फैसले को डिवीजन बेंच में चुनौती दी लेकिन केस से जुड़े तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद डिवीजन बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को सही करार देते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि इन पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल व हेराफेरी हुई। परीक्षा केंद्रों पर उम्मीदवारों की बायोमेट्रिक हाजिरी भी नहीं ली गई और कई केंद्रों पर सीसीटीवी भी नहीं था। याचिका में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर पुलिस रूल्स के अनुसार चयन कमेटी की नियुक्ति डीजीपी करता है लेकिन इस मामले में इस कमेटी का गठन सरकार ने किया और परीक्षा में व्यापक स्तर पर धांधली हुई।

इन तमाम आरोपों का खंडन करते हुए पुलिस विभाग की ओर से हल्फनामा दायर किया गया जिसमें बताया गया कि केवल एक केंद्र ऐसा था, जहां सीसीटीवी कैमरें नहीं लग पाए थे लेकिन वहां भी पूरी परीक्षा की वीडियोग्राफी करवाई गई।हल्फनामे में कहा गया कि इस परीक्षा के लिए उम्मीदवारों की संख्या काफी अधिक थी, इसलिए सबकी बायोमेट्रिक हाजिरी करवाना संभव नहीं था लेकिन अधिकारियों ने उम्मीदवार की पहचान सुनिश्चित करके ही उन्हें केंद्र में प्रवेश की अनुमति दी।

हल्फनामे में कहा गया कि याचिका में लगाए गए तमाम आरोप हवा में है और इन आरोपों के समर्थन में कोई तथ्य या सबूत नहीं है। बेंच ने भी पाया कि आरोपों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया गया है, लिहाजा बेंच ने तमाम याचिकाओं को खारिज करते हुए चयन को बरकरार रखा।

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