Jammu : ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं पहुंच रही विकास की लहर, पक्की गलियों को तरस रहे लोग
लोगों का कहना है कि जब जम्मू-कश्मीर सरकार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रमन भल्ला मंत्री थे तो उनके कार्यकाल के दौरान बस्ती की गलियां पक्की हुई थी। उसके बाद से अभी तक किसी ने कोई सुध नहीं ली। जिसके चलते प्रशासन के प्रति लोगों में गुस्सा है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू-कश्मीर के विकास में तेजी के तमाम दावों के बीच ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अभी भी पक्की गलियों व नालियों को तरस रहे हैं। सालों से गलियों का निर्माण नहीं हुआ और लोग आज भी टूटी-फूटी गलियों से गुजरने को मजबूर है। मीरां साहिब के अधिकांश इलाकों में भी गलियों का यहीं हाल है। बार-बार कहने के बावजूद किसी की ओर से गली न बनाए जाने से हताश क्षेत्रीय लोग आज प्रदर्शन करने पर मजबूर हो गए।
मीरां साहिब के रोई मोड़ बस्ती गाड़ीगढ़ के लोगों ने शुक्रवार को बस्ती की मुख्य गली की हालत खस्ता होने पर प्रशासन के खिलाफ गांव में विरोध प्रदर्शन किया। बस्ती की वार्ड नंबर 73 की मुख्य खस्ताहाल गली को लेकर लोगों ने गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि जल्द से जल्द प्रशासन खस्ताहाल गली को पक्का करें नहीं तो लोग जम्मू आरएसपुरा सड़क मार्ग बंद करेंगे।
प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर मनोहर लाल शर्मा, बाबूराम, राजकुमार, भूषण कुमार, दौलत राम, राज, विकी कुमार व बांका लाल आदि ने कहा कि वार्ड की इस खस्ताहाल गली के नीचे प्रशासन की ओर से अंडर ग्राउंड पानी की निकासी के लिए नाला बनाया गया है जो कि जगह-जगह से ब्लॉक हो गया है और ऊपर से गली भी जगह-जगह टूट रही है और पानी जमा हो रहा है। अगर अगले कुछ दिनों में और बारिश हुई तो पूरी गली टूट जाएगी और यहां केवल नाला ही नजर आएगा।
लोगों का कहना है कि जब जम्मू-कश्मीर सरकार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रमन भल्ला मंत्री थे तो उनके कार्यकाल के दौरान बस्ती की गलियां पक्की हुई थी। उसके बाद से अभी तक किसी ने भी कोई सुध नहीं ली। जिसके चलते प्रशासन के प्रति लोगों में गुस्सा है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ना केवल इस वार्ड की गली खस्ता है बल्कि बस्ती की अन्य दूसरी जो भी गलियां नालियां है वह भी कच्ची है। विकास नाम की कोई भी चीज गांव में नहीं दिखती। सबका साथ सबका विकास का नारा उनके गांव में खोखला ही दिखाई पड़ रहा है।
समाज सेवक डॉक्टर मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि बस्ती में अच्छे खासे पढ़े-लिखे लोग रहते हैं जिनका समाज में रुतबा है मगर बस्ती की हालत ऐसी है कि हर कोई परेशान है लगता है कि विकास उनकी बस्ती में आकर कहीं खो गया है और सरकार भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि सरकार का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर सड़क सुविधा विकास से जोड़ा गया है मगर यह सब खोखला ही दिखाई देता है।
जमीनी हकीकत आज भी कुछ और है। ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें हो या गलियां हो नालियां हो आज भी बुरे दौर से गुजर रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनके गांव में खस्ताहाल गलियों नालियों को पक्का नहीं किया गया तो वे चुप नहीं बैठेंगे और इसका विरोध करेंगे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण प्रदर्शन में उपस्थित थे।