Jammu Kashmir: भूकंप के जोड़दार झटके से थर्रारा जम्मू-कश्मीर, घरों से बाहर भागे लोग

भूकंप के जोरदार झटके से वीरवार की रात करीब साढ़े दस बजे जम्मू-कश्मीर सहित पूरा उत्तर भारत थर्रा उड़ा। लंबे समय बाद ऐसा झटका महसूस किया गया। लोग घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर आ गए। काफी देर तक यह चर्चा का विषय बना रहा।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 12 Feb 2021 11:01 PM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 11:40 PM (IST)
Jammu Kashmir: भूकंप के जोड़दार झटके से थर्रारा जम्मू-कश्मीर, घरों से बाहर भागे लोग
श्रीनगर में भूकंप के झटके आने से डरे लोग घर से बाहर सड़क पर आ गए

जम्मू, जेएनएन : भूकंप के जोरदार झटके से वीरवार की रात करीब साढ़े दस बजे जम्मू-कश्मीर सहित पूरा उत्तर भारत थर्रा उड़ा। लंबे समय बाद ऐसा झटका महसूस किया गया। लोग घरों से बाहर निकल कर सड़कों पर आ गए। काफी देर तक यह चर्चा का विषय बना रहा। डर के मारे लोग काफी देर तक घरों से बाहर ही रहे। भूकंप का केंद्र ताजिकिस्तान बताया जा रहा है। वहां रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 मापा गया। अफगानिस्तान से सटा ताजिकिस्तान भी जम्मू-कश्मीर से बहुत नजदीक होने के कारण यहां जोरदार झटका महसूस किया गया। झटका ऐसा जोरदार था कि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी 2005 का विनाशकारी भूकंप याद आ गया। उन्होंने ट्वीट भी किया।

जम्मू सिस्मिक जोन चार में और कश्मीर सिस्मिक जोन पांच में आता है जो भूकंप के लिहाज से अतिसंवेदनशील माना जाता है। खास कर पहाड़ी क्षेत्र कश्मीर घाटी के अलावा चिनाब रिजन के जिले डोडा, किश्तवाड़, रामबन, राजौरी और पुंछ जिले प्रदेश के ज्यादा प्रदेश के ज्यादा संवेदनशील जिले हैं। ऐसे झटके से काफी नुकसान का खतरा रहता है। हालांकि देर रात को भूकंप आने के कारण अभी कहीं से कोई अप्रिय सूचना तो नहीं मिली है, लेकिन काफी घरों को नुकसान होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। कश्मीर और डोडा और किश्तवाड़ इलाकों के लोग भूकंप के काफी देर बाद तक कड़ाके की ठंड के बावजूर घरों से बाहर ही रहे। भूकंप ने इन इलाकों के लोगों की रात की नींद छीन ली। फिर से भूकंप आने के डर से लोग सोने से भी डर रहे थे।

2005 के भूकंप को याद कर सहमे लोग : वीरवार रात को भूकंप के तेज झटके ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को 8 अक्टूबर, 2005 का विनाशकारी भूकंप याद दिला दिया, जिससे लोग भयभीत हो गए। उस समय भूकंप का केंद्र गुलाम कश्मीर ही था, जसके कारण प्रदेश में जानमाल का काफी नुकसान हुआ था। इस बार भी ताजिकिस्तान जम्मू-कश्मीर से बहुत दूर नहीं है, लिहाजा लोगों में डर ज्यादा दिखा।

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