Mirah Sabhib Accident: डेढ़ साल की मिष्टी की मौत पर सिंचाई विभाग के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा
यूथ कांग्रेस के नेता खुशवंत सिंह ने कहा हर साल सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर नहर की सफाई करवाने की बात कहती है हालांकि इसमें भी भ्रष्टाचार होता है क्योंकि आज भी कई छोटी नहरों का पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाता है।
संवाद सहयोगी, मीरां साहिब : गुज्जर बस्ती गांव में डाक बंगला के पास रणबीर नहर में कार गिरने से हुई चार लोगों की मौत पर रविवार को स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों का कहना था कि वर्षो से वे नहर के किनारे सुरक्षा दीवार या रेलिंग बनाने की मांग कर रहे थे, लेकिन सिंचाई विभाग ने उनकी बात नहीं मानी। यदि सिंचाई विभाग ने उनकी मांग मान ली होती तो आज एक ही परिवार के चार लोगों की जान नहीं गई होती।
प्रदर्शन का नेतृत्व यूथ कांग्रेस के सीनियर नेता सरदार खुशवंत सिंह ने किया। खुशवंत सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार जम्मू कश्मीर में विकास की बयार बहने की बात करती है, लेकिन हकीकत यह है कि यह एक जुमला भर है। यदि वाकई मोदी सरकार और उपराज्यपाल प्रशासन विकास को लेकर संजीदा होता तो गांव के बीच से जाने वाली रणबीर नहर के किनारे सुरक्षा दीवार बन गई होती। जहां हादसा हुआ, वहां तीखे मोड़ पर कुछ मीटर ही सुरक्षा दीवार या रेलिंग बनानी थी, लेकिन जनता की समस्या की तरफ से पूरी तरह मुंह मोड़ लेने से प्रशासन ने यह भी नहीं किया।
प्रदर्शन में नवीन चौधरी, रामप्रसाद, अश्विनी कुमार, रोहित चौधरी, संदीप कुमार, कन्नू चौधरी व बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण शामिल रहे। हादसे वाली जगह पर स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रात में रहता है अंधेरा प्रदर्शन में शामिल स्थानीय लोगों ने बताय कि जिस जगह नहर में कार गिरी वहां रात में अंधेरा रहता है। स्ट्रीट लाइट तक नहीं लगाई है। ऐसे में नहर के किनारे बिल्कुल नंगे होने से अक्सर यहां हादसे होते रहते हैं। शुक्रवार और शनिवार को इसी जगह दो कारें नहर में गिरी थीं, हालांकि दूसरे हादसे में चालक को बचा लिया गया, जबकि शुक्रवार की रात को हुए हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की जान चली गई। खुशवंत सिंह ने इसके लिए पूरी तरह प्रशासन और सिंचाई विभाग को जिम्मेदार बताया।
'नहर की सफाई और मरम्मत के नाम पर कहां खर्च होते हैं करोड़ों रुपये' : यूथ कांग्रेस के नेता खुशवंत सिंह ने कहा हर साल सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर नहर की सफाई करवाने की बात कहती है, हालांकि इसमें भी भ्रष्टाचार होता है, क्योंकि आज भी कई छोटी नहरों का पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाता है। सरकार जब नहर के लिए फंड जारी करती है, तो उसमें नहर के किनारों की मरम्मत का भी मद होता है, लेकिन कहीं भी नहरों के किनारे सुरक्षा दीवार नहीं बनाई गई है। जो रेलिंग या सुरक्षा दीवार पहले से बनी हैं, वे भी टूटने लगी हैं, लेकिन उनकी भी मरम्मत नहीं की जा रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि आखिर करोड़ों रुपये कहां खर्च हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह लापरवाही सरकार के अपने सिंचाई विभाग की है, इसलिए उसे पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द मुआवजा जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने जल्द हादसे वाली जगह पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगाई तो वे स्वयं वहां स्ट्रीट लाइट लगवाएंगे।