जम्मू जिले में 16 घंटे बिजली गुल रहने से लोगों में गुस्सा
जागरण संवाददाता जम्मू जिले के सीमावर्ती क्षेत्र आरएसपुरा बिश्नाह अरनियां अखनूर खौड़ के अ
जागरण संवाददाता, जम्मू : जिले के सीमावर्ती क्षेत्र आरएसपुरा, बिश्नाह, अरनियां, अखनूर, खौड़ के अलावा सांबा जिले के रामगढ़, विजयपुर, बड़ी ब्राह्माणा आदि ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे में से 16 घंटे बिजली कटौती होने से हाहाकार मच गया है। औसतन महज आठ घंटे ही बिजली आने से पानी की सप्लाई पर भी असर पड़ रहा है। इसके चलते इन इलाकों में आए दिन विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
आरएसपुरा के सुहागपुर क्षेत्र के किसान पम्मी कुमार का कहना है कि बिजली न होने के कारण इस बार उनकी धान की बुआई के लिए पानी नहीं रहा है। सीमांत क्षेत्रों को सीचनें वाली रणबीर, तवी, रावी नहर में पानी कम है। किसानों के आखिरी छोर तक पानी नहीं मिल पा रहा है। इससे बासमती धान की बुआई का काम भी प्रभावित हो रहा है। अंतरर्राष्ट्रीय सीमा के जीरो लाइन पर बसे गांव अरनिया के किसान महेश सिंह का कहना है कि इस बार कोरोना वायरस ने किसानों को आर्थिक तौर पर नुकसान पहुंचाया है। ऊपर से बिजली की अभूतपूर्व कटौती से किसानों की धान की बुआई नहीं हो पा रही है। बिश्नाह की सुरभि शर्मा का कहना है कि कोरोना के बीच बिजली किटौती ने पढ़ाई चौपट हो गई है। ट्रांसफार्मरों पर अत्यधिक लोड होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रांसफार्मर जल चुके हैं। हफ्ते भर भी नहीं चल पाते मरम्मत होकर आए ट्रांसफार्मर
कांग्रेस के पूर्व मंत्री रमन भल्ला ने कहा कि जो ट्रांसफार्मर बिजली विभाग की वर्कशॉप से मरम्मत होने के बाद लगाए जाते हैं, कई इलाकों में वे एक हफ्ते में ही दोबारा जल जाते हैं। प्राइवेट फर्म में जो ट्रांसफार्मर रिपेयर होते हैं, उनकी एक साल की वारंटी होती है, लेकिन अपने विभाग की वर्कशॉप में ऐसी कोई वारंटी नहीं दे रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए। पूर्व मंत्री का आरोप है कि विभाग के लोगों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति करवाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। कई उपभोक्ता अपने घरों में बिजली का लोड भी नहीं जाहिर करते। जिससे कि उस इलाके में लगे ट्रांसफार्मर पर कई बार अत्यधिक लोड पड़ जाता है। बारिश के बाद कम हो जाएगा बिजली का लोड : सीई
बिजली विभाग के मुख्य अभियंता गुरुवचन सिंह ने बताया कि सीमांत क्षेत्रों में सरना से गलैडनी पॉवर ग्रिड को 220 केवी लाइन बिजली मुहैया करवाती है। फ्रीक्वेंसी बरकरार रखने के लिए इसे हमें बंद करना पड़ रहा है। ऐसा नहीं करने पर ग्रिड स्टेशन जल सकता है। इसके चलते सीमांत क्षेत्रों में बिजली कटौती करनी पड़ रही है। अब औद्योगिक क्षेत्र बड़ी ब्राह्मणा में भी दो घंटे की बिजली कटौती करनी पड़ रही है। जम्मू संभाग में 1250 मेगावाट रोजाना बिजली की जरूरत है। कई बार हमें इसमें कटौती करनी पड़ती है। जम्मू शहर में फाल्ट के कारण शटडाउन लेना पड़ता है। कई बार शट डाउन के बाद लोग भी अपने इलेक्ट्रानिक गैजेट्स को एकदम ऑन कर देते हैं। इससे एकदम ग्लैडनी ग्रिड स्टेशन में ओवरलोड के कारण बिजली को कई बार बंद करना पड़ जाता है।