महबूबा मुफ्ती के सबसे करीबी पीरजादा मंसूर ने PDP का दामन छोड़ा, महबूबा बोली- ऐसे नेताओं के कारण कश्मीर बर्बाद हुआ

उन्हें कुपवाड़ा में काले झंडे देखने को मिले बल्कि दक्षिण कश्मीर में उनके सबसे करीबी कहे जाने वाले पीरजादा मंसूर हुसैन सुहारवर्दी ने भी उनका साथ छोड़ने का एलान कर दिया है।उनके दो वरिष्ठ साथी पूर्व मंत्री अब्दुल हक खान राज्यसभा के पूर्व सदस्य फैयाज मीर सभा से नदारद रहे।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Tue, 16 Feb 2021 06:50 PM (IST) Updated:Tue, 16 Feb 2021 07:00 PM (IST)
महबूबा मुफ्ती के सबसे करीबी पीरजादा मंसूर ने PDP का दामन छोड़ा, महबूबा बोली- ऐसे नेताओं के कारण कश्मीर बर्बाद हुआ
पीरजादा मंसूर हुसैन सुहारवर्दी ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का साथ छोड़ने का एलान कर दिया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अब लगातार अकेली पड़ती जा रही हैं। मंगलवार काे न सिर्फ उन्हें कुपवाड़ा में काले झंडे देखने को मिले बल्कि दक्षिण कश्मीर में उनके सबसे करीबी कहे जाने वाले पीरजादा मंसूर हुसैन सुहारवर्दी ने भी उनका साथ छोड़ने का एलान कर दिया है। कुपवाड़ा में उनके दो वरिष्ठ साथी पूर्व मंत्री अब्दुल हक खान और राज्यसभा के पूर्व सदस्य फैयाज मीर उनकी सभा से ही नदारद रहे। इसी बीच, महबूबा मुफ्ती ने साफ किया है कि उनका संघर्ष केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश को राज्य का दर्जा दिलाना नहीं बल्कि पांच अगस्त से पहले का जम्मू कश्मीर राज्य और अनुच्छेद 370 बहाल करानेे के लिए है।

जावेद कुरैशी ने अपने साथियाें संग काले झंडे दिखाकर विरोध जताया

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में तंग होती अपनी सियासी जमीन को संभालने के लिए आज पहली बार कश्मीर में श्रीनगर से बाहर कुपवाड़ा में अपने कार्यकर्ताओं का एक बैठक बुलाई थी।। पहले ही दिन उन्हें झटका लग गया। पांच अगस्त 2019 के बाद पीडीपी प्रमुख पहली बार घाटी के किसी जिले में कार्यकर्ताओं  को संबोधित करने पहुंची। उनके आगमन पर एक स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ता जावेद कुरैशी ने अपने साथियाें संग उन्हें काले झंडे दिखाकर कुपवाड़ा में उनकी उपस्थिति पर विरोध जताया। अलबत्ता पुलिस ने कुरैशी को पीडीपी कार्यकर्ताओं के बैठक स्थल से दूर ही रखा।

बहुत सी ताकतें पीडीपी को कमजोर करने में लगी हैं

बैठक में हालांकि कुपवाड़ा के विभिन्न हिस्सों से आए पीडीपी कार्यकर्ता मौजूद रहे। लेकिन पूर्व मंत्री और पीडीपी महासचिव अब्दुल हक खान और राज्यसभा के पूर्व सदस्य फैयाज अहमद मीर कहीं नजर नहीं आए। मीर ने गत दिनों राज्यसभा में अपने अंतिम भाषण के दौरान केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की जमकर सराहना की थी। वह गत रोज नेकांध्यक्ष डाॅ फारुक अब्दुल्ला के साथ भी नजर आए थे। महबूबा मुफ्ती ने स्थानीय कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें एकजुट रहने को कहा। उन्होंने कहा कि इस समय बहुत सी ताकतें पीडीपी को कमजोर करने में लगी हैं। हमें उनका मुकाबला करना है। उन्होंने पीडीपी छोड़ने वाले नेताओं का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ मौका परस्त थे, जो अब हमारे साथ नहीं हैं, ऐसे ही लोगों के कारण कश्मीर बर्बाद हुआ है।

आज पूरे प्रदेश में जंगलराज है

कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद पत्रकारों के साथ संक्षिप्त बातचीत में उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में जंगलराज है। जहां भी लाेग अपनी आवाज उठाते हैं, सरकार लोगों को जेल में भर देती है। विरोधियों की आवाज को दबाया जा रहा है। उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरे देश में अपने खिलाफ कोई अावाज नहीं सुनना चाहती। कृषि कानूनों के खिलाफ जो लोग खड़े हुए उनके साथ किए गए बर्ताव को सभी ने देखा है।

पीएजडी में मतभेदों संबंधी सवाल को टालते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। हरेक की अपनी राय रहती है और यही जम्हूरियत का बुनियादी उसूल है। जब तक जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 वापस नहीं मिलता। लोगों की उम्मीदें पूरी नहीं हाेती, पीएजीडी रहेगा।

उन्हाेंने कहा कि हमारा मकसद केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश को सिर्फ राज्य का दर्जा दिलाना नहीं है। हमारा मकसद पांच अगस्त 2019 से पहले का जम्मू कश्मीर और अनुच्छेद 370 व 35ए हासिल करना है। हम कश्मीर मसले का हल चाहते हैं। कश्मीर मसले के हल के लिए यहां हजारों लाेगों की जान गई है। कश्मीर की अर्थव्यवस्था तबाह हुई है। हम कश्मीरियों आैर भारत-पाकिस्तान क बीच एक यथार्थवादी बातचीत के जरिए इसका समाधान चाहते हैं।

इस बीच, दक्षिण कश्मीर में पीडीपी के वरिष्ठ नेेता और पूर्व विधायक पीरजादा मंसूर हुसैन सुहारवर्दी ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वह महबूबा मुफ्ती के सबसे करीबियों में एक और उनकी कथित किचन केबिनेट के अहम सदस्य थे। पीरजादा मंसूर अपनी भड़काऊ बयानबाजी के लिए भी जाने जाते हैं। वह महबूबा मुफ्ती के राजनीतिक सलाहकार और शंगस विधानसभा क्षेत्र से विधाायक भी रहे है। उन्हाेंने आज महबूबा मुफ्ती को अपना इस्तीफा भेजा है और लिखा है कि अत्यंत निजी पारिवारिक और राजनीतिक कारणों से अब मैं यह जिम्मेदारी नहीं निभा सकता। इसलिए मेरा इस्तीफा कबूल किया जाए। पीडीपी में रहते हुए मैंने बहुत कुछ सीखा है। मैं आपका हमेशा हितैषी रहूंगा। मेरी ओर से आपको हार्दिक शुभकामनाएं।

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