Jammu Kashmir: महबूबा के बिगड़े बोल, कहा-पड़ोस में देखो, मत लो हमारे सब्र का इम्तिहान, मिट जाओगे

PDP President Mehbooba Mufti to New Delhi पीडीपी प्रमुख ने कहा कि 1947 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर नेतृत्व के साथ इस वादे के साथ समझौता किया था कि वह लोगों की पहचान की हर तरह से रक्षा करेंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Sat, 21 Aug 2021 03:00 PM (IST) Updated:Sat, 21 Aug 2021 09:10 PM (IST)
Jammu Kashmir: महबूबा के बिगड़े बोल, कहा-पड़ोस में देखो, मत लो हमारे सब्र का इम्तिहान, मिट जाओगे
तालिबान में अब बंदूकों की भूमिका खत्म हो गई है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बौखलाहट फिर सामने आ गई। महबूबा ने शनिवार को तालिबान की आड़ में केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे सब्र का इम्तिहान मत लें। हमारे पास अफगानिस्तान की मिसाल है, जब तक आप लोगों के दिलो दिमाग को नहीं जीतोगे, फौज काम नहीं आती।

तालिबान ने अंतत: अमेरिका को अफगानिस्तान से भागने पर मजबूर कर दिया। महबूबा के बिगड़े बोल यहीं नहीं रुके, उन्होंने कश्मीर और अफगानिस्तान के हालात की तुलना करते हुए बिना किसी का नाम लिए कहा कि जिस वक्त यह बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा, तब आप नहीं रहोगे, मिट जाओगे। पड़ोस (अफगानिस्तान) में देखो क्या हो रहा है। उनको भी वहां से बोरिया-बिस्तर लेकर वापस जाना पड़ा। आप के लिए अभी भी मौका है, जिस तरह वाजपेयी जी ने बातचीत शुरू की थी कश्मीर में, बाहर भी (पाकिस्तान के साथ) और यहां भी, उसी तरह आप भी बातचीत का सिलसिला शुरू करो।

महबूबा मुफ्ती दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रही थीं। महबूबा ने कहा कि आज पूरी दुनिया तालिबान को देख रही है। मैं तालिबान से आग्रह करती हूं कि वह इस्लाम के नाम पर कोई जुल्म न करे। अगर वह हिंसा का रवैया अपनाता है, जोर जबरदस्ती करता है तो पूरी दुनिया उसके खिलाफ होगी। अब तालिबान में बंदूक की भूमिका खत्म हो गई है और विश्व समुदाय यह देख रहा है कि आम लोगों के साथ उसका व्यवहार कैसा होगा।

अगर 1947 में भाजपा होती को जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होता 

महबूबा ने एक और विवाद खड़ा करने का प्रयास करते हुए कहा कि अगर 1947 में भाजपा होती को जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होता। महबूबा ने कहा कि 1947 में जब कश्मीर का भारत में विलय हुआ था तो उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने जम्मू कश्मीर के तत्कालीन नेतृत्व को यकीन दिलाते हुए कश्मीर के लोगों के साथ वादा किया था कि उनकी विशिष्ट राजनीतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान का संरक्षण किया जाएगा। इसलिए जम्मू कश्मीर को भारतीय संविधान में एक विशेष दर्जा मिला था। अगर उस समय भाजपा सत्ता में होती तो जम्मू कश्मीर आज भारत का हिस्सा नहीं होता।

अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली का राग अलापा 

महबूबा ने अनुच्छेद 370 का राग अलापते हुए कहा कि अगर नई दिल्ली (केंद्र सरकार) सही मायनों में जम्मू कश्मीर में अमन चाहती है और कश्मीर मसल को हल करना चाहती है तो उसे 370 को पुनर्बहाल करना होगा और सभी संबंधित पक्षों के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

भाजपा पर ईडी और एनआइए का इस्तेमाल करने का आरोप 

ईडी की पूछताछ संबंधी सवाल को टालत हुए महबूबा ने आरोप लगाया कि भाजपा इस समय ईडी और एनआइए जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल अपने विरोधियों को दबाने और कश्मीर का सच दबाने के लिए कर रही है।

जनता से नकारी जा चुकीं महबूबा को आ रही तालिबान की याद : रैना

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि भारत एक ताकतवर देश है। चाहे तालिबान हो, अलकायदा या पाकिस्तान समॢथत आतंकी, जो भी भारत के खिलाफ साजिश रचेगा, उसे मिट्टी में मिला दिया जाएगा। हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है, जो बाइडन नहीं।

जम्मू में पत्रकारों से बातचीत करते हुए रैना कहा कि महबूबा मुफ्ती को यह समझ लेना चाहिए कि जम्मू कश्मीर के लोग वतन को प्रेम करने वाले देश भक्त हैं। जम्मू कश्मीर के लोगों ने शान से तिरंगा फहराया है। पाकिस्तान व उसके समर्थन वाले आतंकवादियों को करारा जवाब दिया है। महबूबा की जमीन खिसक गई है। महबूबा को जनता ने नकार दिया है। महबूबा को तालिबान की याद आ रहा ही है। मैं पूछता हूं कि क्या महबूबा तालिबानी राज चाहती है।

तालिबान ने अफगानिस्तान को बर्बाद कर दिया है। तालिबान आतंकी महिलाओं की हत्याएं कर रहे हैं। क्या महबूबा तालिबानी जैसे निजाम को चाहती है। हम महबूबा के किसी भी साजिश वाले एजेंडा को कामयाब होने देंगे। महबूबा नफरत की राजनीति कर रही है। लोगों को किसी तालिबानी से घबराने की जरूरत नहीं है। हमने तालिबान को साल 1990 में देखा है। किस तरह से हमारी पुलिस, सेना, सुरक्षा बलों ने तालिबानी का सफाया किया था।

chat bot
आपका साथी