बिजली विभाग ने देनदारों पर कसा शिकंजा, राजस्व वसूली अभियान के पहले ही दिन 28 लाख वसूले

जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने और बिजली विभाग का निजीकरण होने के बाद अब राजस्व वसूली प्रणाली को सख्ती से लागू किया जाएगा।

By Edited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 02:38 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 11:22 AM (IST)
बिजली विभाग ने देनदारों पर कसा शिकंजा, राजस्व वसूली अभियान के पहले ही दिन 28 लाख वसूले
बिजली विभाग ने देनदारों पर कसा शिकंजा, राजस्व वसूली अभियान के पहले ही दिन 28 लाख वसूले

जागरण संवाददाता, जम्मू : बिजली विभाग का निजीकरण होते ही अधिकारियों ने देनदारों से बकाया वसूलने की कवायद शुरू कर दी है। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद विभाग द्वारा एकाएक इतने बड़े स्तर पर शुरू की गई कार्रवाई ने देनदारों को ¨चता में डाल दिया है। बिजली कनेक्शन कटने के डर से कई उपभोक्ताओं ने बकाया बिल में से कुछ राशि मौके पर ही जमा करवाकर बाकी भी जल्द जमा कराने का वायदा किया। नतीजा यह रहा कि राजस्व वसूली अभियान के पहले ही दिन विभाग ने करीब 28 लाख रुपये वसूले।

जम्मू-कश्मीर पावर डेवलपमेंट डिपार्टमेंट की इलेक्ट्रिक मेंटीनेंस एंड रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन (ईएमएंडआरई)को अब जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेपीडीसीएल) बना दिया गया है। जम्मू शहर व उसके साथ लगते इलाकों में ऐसे कई उपभोक्ता थे, जो पिछले कई साल से बकाया बिल न चुका कर अपने रसूख व राजनीतिक संबंधों की वजह से मुफ्त बिजली फूंक रहे थे। हालांकि इनमें कई उपभोक्ता ऐसे भी थे, जो राजस्व वसूली अभियान के दौरान बकाया बिल में से कुछ राशि चुकाकर बिजली का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे थे। बिजली विभाग का निजीकरण होते ही अधिकारियों की जिम्मेदारियों को सुनिश्चित कर दिया गया है।

निजी कंपनी बनने के बाद अब अधिकारियों को पदोन्नति पाने के लिए बेहतर प्रदर्शन दिखाना होगा। लिहाजा अपने अधीन डिवीजनों, सब डिवीजनों में लाभ दिखाने के लिए उन देनदारों की सूची तैयार कर ली गई है, जो उनके लिए घाटे का सबब बन रहे थे। इनमें काफी हद तक कमर्शियल उपभोक्ता शामिल हैं। अभियान के पहले दिन आज ग्रीन बेल्ट सब डिवीजन-1 की टीम ने असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर सरदारी लाल के नेतृत्व में गांधी नगर, सैनिक कॉलोनी, छन्नी हिम्मत और उसके साथ लगते इलाकों में दौरा किया। टीम ने सौ से ऐसे उपभोक्ताओं के घरों व व्यापारिक प्रतिष्ठानों के यहां छापा मारा। साठ से अधिक उपभोक्ताओं ने बिजली कनेक्शन कटने के डर से मौके पर ही बकाया बिल में से कुछ की अदायगी कर दी। ऐसे उपभोक्ताओं से 14.25 लाख रुपये वसूले गए।

डिवीजन इंचार्ज एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पीडी सिंह ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं ने बिल अदायगी नहीं कि ऐसे 41 कमर्शियल और घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन काट दिए गए हैं। उन्होंने बकाया बिल जमा कराने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ पुलिस में एफआइआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

वहीं, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर डिवीजन-3 नीरज शर्मा के निर्देश पर असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर जानीपुर विवेक गुप्ता के नेतृत्व में टीम ने भगवती नगर, तालाब तिल्लो, बख्शी नगर, बरनई, जानीपुर, रूपनगर, कोट भलवाल और उसके साथ लगते इलाकों में राजस्व वसूली अभियान चलाया। टीम ने देनदारी न चुकाने वाले करीब 360 कनेक्शन काटे। इनमें बैंक्वेट हाल, क्रशर, बीटीएस साइट्स व अन्य घरेलू उपभोक्ता शामिल थे। हालांकि इस दौरान कई उपभोक्ताओं ने बकाया बिल में से कुछ राशि मौके पर ही चुकता की। इनसे 11.35 लाख रुपये एकत्र हुए। इसके अलावा 2.4 लाख रुपये का जुर्माना भी वसूला गया।

26 मार्च तक अधिक से अधिक रिकवरी के निर्देश

पावर डेवलपमेंट कमिश्नर हृदेश सिंह ने अधिकारियों को राजस्व बढ़ाने पर अधिक जोर देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के लिए घाटे का सबब बन रहे बिजली विभाग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बिजली चोरी पर अंकुश लगाने व करोड़ों रूपये के बकाया वसूलने के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा है। इसके लिए डिवीजन स्तर पर बनाई गई जांच कमेटियों को देनदारों के नामों की सूची सौंपते हुए 26 मार्च तक अधिक से अधिक रिकवरी करने को कहा गया है। सूची में पांच हजार से ऊपर देनदारी वाले घरेलू व कमर्शियल उपभोक्ताओं के नाम शामिल हैं। नियमित बिल अदा न करने वालों की सूची में 1000 से अधिक राज्य में बिजली बिल की नियमित अदायगी न करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या एक हजार से अधिक है। इन पर तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है। वर्ष 2016 में एमनेस्टी स्कीम के लागू होने के बाद काफी हद तक घरेलू उपभोक्ताओं ने इस योजना का लाभ उठाते हुए पुराने बिल चुकता किए हैं, परंतु अभी भी विभाग का करोड़ों रुपये इस देनदारी में फंसा है। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर नीरज शर्मा ने बताया कि इन देनदारों को हर साल बकाया बिल चुकता करने की चेतावनी दी जाती है परंतु वे इसे गंभीरता से नहीं लेते। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने और बिजली विभाग का निजीकरण होने के बाद अब राजस्व वसूली प्रणाली को सख्ती से लागू किया जाएगा।

समाचारपत्रों में प्रकाशित होंगे देनदारों के नाम

बिजली विभाग बिल न देने वाले उपभोक्ताओं के नाम समाचार पत्रों में प्रकाशित करने पर भी विचार किया जा रहा है। दस हजार रुपये या उससे अधिक की देनदारी वाले घरेलू व कमर्शियल उपभोक्ताओं को 26 मार्च तक बकाया जमा कराने का समय दिया गया है। निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग ने आज से अभियान छेड़ दिया है। देनदारों के खिलाफ रोजाना अभियान चलाया जाएगा। बिजली बिल अदा न करने पर अब कनेक्शन भी कटेगा और कानूनी कार्रवाई भी होगी। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पीडी ¨सह ने उपभोक्ताओं से अपील की कि वे इस कार्रवाई से बचने के लिए समय पर बिल की अदायगी करें।

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