Vijay Mashaal in Kashmir: रंगों में झलकी देशभक्ति, कश्मीर के बच्चों की पेंटिंग में सैनिकों-तिरंगे की धूम

स्वर्णिम विजय मशाल के वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के शहीदों को सलामी देने के लिए कश्मीर पहुंचने पर क्षेत्र की फिजा में देशभक्ति है।स्वर्णिम विजय वर्ष में कश्मीर में आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में सैनिकों व तिरंगों की धूम रही।

By Vikas AbrolEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 03:37 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 03:37 PM (IST)
Vijay Mashaal in Kashmir: रंगों में झलकी देशभक्ति, कश्मीर के बच्चों की पेंटिंग में सैनिकों-तिरंगे की धूम
सेना की की ओर से आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में क्षेत्र के 200 के करीब बच्चों व युवाओं ने जोश दिखाया।

जम्मू, राज्य ब्यूरो । स्वर्णिम विजय मशाल के वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के शहीदों को सलामी देने के लिए कश्मीर पहुंचने पर क्षेत्र की फिजा में देशभक्ति है।

स्वर्णिम विजय वर्ष में कश्मीर में आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में सैनिकों व तिरंगों की धूम रही। बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिग्स में भी देशभक्ति झलकी। बारामूला के पट्टन के परिहासपोरा में स्वर्णिम विजय मशाल के पहुंचने से पहले सेना की राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की ओर से आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में क्षेत्र के 200 के करीब बच्चों व युवाओं ने जोश दिखाया।

इस दौरान सेना की ओर से लगाए गए सेना के शहीदों के होर्डिंग व बांग्लादेश के गठन से पहले पाकिस्तान सेना के हथियार डाल आत्मसमर्पण करने के एतिहासिक फाेटो ने भी कश्मीरी युवाओं के देशभक्ति के जज्बे को बल दिया।सेना ने इस पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन तीन आयु वर्गाें में किया था। सभी वर्गाें के बच्चों ने रंगों के माध्यम से उत्साह दिखाया।

प्रतियोगिताओं की तीनों श्रेणियों के बच्चों को विजय मशाल के परिहासपोरा में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम के दौरान पुरस्कार दिए जाएंगे। इस कार्यक्रम में शहीदों को सलामी देने के साथ युद्ध में हिस्सा लेने वाले पूर्व सैनिकों के साथ वीर नारियों को भी सम्मानित किया जाएगा।सेना की स्वर्णिम विजय मशाल पंद्रह जून को जम्मू संभाग के कश्मीर पहुंची थी।

इस समय कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में सैन्य संस्थानों में विजय मशाल के सम्मान में कार्यक्रमों के आयोजन का सिलसिला जारी है। एक सप्ताह में पूर्व सैनिकों व वीर नारियों को सम्मानित करने के एक दर्जन के करीब कार्यक्रम हो चुके हैं। कश्मीर के बाद विजय मशाल लद्दाखी वीरों को सम्मानित करने के लिए कारगिल व लेह भी जाएगी।

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