Jammu : केंद्रीय मंत्रियों के दौराें का विरोध, महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश की मांग

भाजपा ने महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश घोषित करने का वायदा किया था लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। महाराजा के राज्य का दर्जा कम करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 01:00 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 01:00 PM (IST)
Jammu : केंद्रीय मंत्रियों के दौराें का विरोध, महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश की मांग
किसान आंदोलन की राह पर हैं। उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: महाराजा हरि सिंह की 23 सितंबर जयंती पर अवकाश घोषित न करने के मुद्दे पर पैंथर्स पार्टी ने प्रदर्शन किया। जम्मू कश्मीर में केंद्रीय मंत्रियों के दौरों का काले झंडों से स्वागत करते हुए कार्यकर्ताओं ने जम्मू के प्रेस क्लब के बाहर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्रियों के गो बैक के नारे भी लगाए जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग भी उठाई। इस मौके पर पैंथर्स पार्टी के चेयरमैन हर्षदेव सिंह ने कहा कि अभी तक महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश घोषित नहीं किया गया है। भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि महाराजा हरि सिंह ने जम्मू कश्मीर का विलय भारत के साथ किया था। महाराजा समाज सुधारक थे।

भाजपा ने महाराजा हरि सिंह की जयंती पर अवकाश घोषित करने का वायदा किया था लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। महाराजा के राज्य का दर्जा कम करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। पैंथर्स पार्टी राज्य का दर्जा बहाल करवाने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मंत्रियों के दौरों से लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है।

कैजुअल कर्मियों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है। देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो चुकी है। महंगाई ने कमर तोड़ कर रख दी है। लाेग परेशान है। सरकार की आर्थिक नीतियों पर निशाना साधते हुए हर्षदेव सिंह ने कहा कि देश की संपत्ति को बेचा जा रहा है।

किसान आंदोलन की राह पर हैं। उनकी मांगों पर विचार नहीं किया जा रहा है। अगर लोगों की समस्याओं का ही समाधान नहीं होना है तो फिर केंद्रीय मंत्रियों के दौरों का क्या फायदा है।

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