पंच-सरपंचों ने सुरक्षा की उठाई आवाज
राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या से उपजे हालात पर बोली पंचायत कांफ्रेंस जिन पर मंडरा रहा आतंकी खतरा उन्हें उचित जगह ठहराने का हो बंदोबस्त ---------
राज्य ब्यूरो, जम्मू : कश्मीर में भाजपा नेता समेत उनके परिवार के तीन सदस्यों की हत्या के बाद पंच और सरपंचों ने एक बार फिर सुरक्षा का मुद्दा जोरशोर से उठाया है। जम्मू कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस ने उपराज्यपाल प्रशासन से स्पष्ट कर दिया है कि वह कश्मीर में पंच और सरपंचों की सुरक्षा की समीक्षा के निर्देश दे। ऐसे सभी पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, जिनके ऊपर आतंकी खतरा मंडरा रहा है। इन्हें सुरक्षा देने के साथ हुई उचित जगह ठहराने का बंदोबस्त भी किया जाए।
एक माह पहले ही कश्मीर में आतंकवादियों ने सरपंच अजय पंडिता की हत्या की थी। वह कांग्रेस से जुड़े थे। अब भाजपा नेता के परिवार पर हमले ने पंच-सरपंचों में भय पैदा किया है। पंचायत कांफ्रेंस के प्रधान अनिल शर्मा ने शुक्रवार को श्रीनगर में प्रेसवार्ता में मांग की कि हालात को देखते हुए राज्य प्रशासन पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा की समीक्षा करे। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि सुरक्षा के अभाव में अगर किसी पंचायत प्रतिनिधि की जान जाती है तो इसके लिए उपराज्यपाल प्रशासन जिम्मेदार होगा। राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पंचायत प्रतिनिधियों पर आतंकवादी हमले एक गंभीर मुद्दा है। इसलिए प्रधानमंत्री व गृह मंत्री उपराज्यपाल प्रशासन को निर्देश दे कि पंचायत प्रतिनिधियों की सुरक्षा का ऑडिट करने के बाद सुरक्षा देने संबंधी कार्रवाई की जाए। कश्मीर का हर पंच सरपंच अपने गांव में विकास को तेजी देना चाहता है, लेकिन सुरक्षा हालात इसकी इजाजत नहीं देते हैं। पाकिस्तान की शह पर कश्मीर में देश विरोधी तत्व आम लोगों को निशाना बना रहे हैं। ग्रामीण विकास का फंड दूसरी जगह इस्तेमाल न हो
14वें वित्त आयोग के फंड का इस्तेमाल न होने पर अनिल शर्मा ने कहा कि इससे विकास रुक रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि ग्रामीण विकास के लिए आया फंड प्रशासन कहीं और इस्तेमाल करने की कोशिश न करे। इस फंड का इस्तेमाल सिर्फ ग्राम विकास की योजनाओं के लिए ही होना है। वर्ष 2016 से 2020 तक मनरेगा योजना की 1000 करोड़ की देनदारी का भी भुगतान किया जाए।
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