Surankote Encounter : संघर्ष विराम की आड़ में घुसपैठ करवा रहा पाक, 5 जवानों की शहादत इस वर्ष की पहली बड़ी घटना

Infiltration Along LoC पाकिस्तान ने संघर्ष विराम की आड़ में नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप फिर से सक्रिय करने के साथ घुसपैठ के प्रयास भी तेज कर दिए। आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर सीमा पर घुसपैठ के प्रयास तेज होंगे।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 02:15 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 02:25 PM (IST)
Surankote Encounter : संघर्ष विराम की आड़ में घुसपैठ करवा रहा पाक, 5 जवानों की शहादत इस वर्ष की पहली बड़ी घटना
पिछले दो महीनों में जिला पुंछ और राजौरी में चार बार आतंकियों ने घुसपैठ का प्रयास किया है।

राजौरी, जेएनएन: भारत-पाक सीमा पर भले पाकिस्तान ने अकारण गोलीबारी बंद कर दी है परंतु जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के इरादे से उसने घुसपैठ केे प्रयास कम नहीं किए हैं। पिछले दो महीनों के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में चार घुसपैठ के प्रयास किए और इसमें उसी को मुंह की खानी पड़ी। आज सोमवार को जिला पुंछ के सुरनकोट सेक्टर में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर आए आतंकियों की धरपकड़ के लिए सेना ने जब तलाशी अभियान चलाया तो वह मुठभेड़ में बदल गई और इसमें सेना केे जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए। सेना को पहुंची इतनी बड़ी क्षति ने देश वासियों को हिलाकर रख दिया है। भारत की रक्षा में शहादत पाने वाले सैन्य वीरों की शहादत काे नमन करने के साथ लोग पाकिस्तान को जमकर कोस भी रहे हैं।

इसी वर्ष फरवरी में भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने फ्लैग मीटिंग कर संघर्ष विराम को फिर से लागू करने की राय बनाई थी। भारत ने इस पर ईमानदारी से अमल किया परंतु पाकिस्तान ने संघर्ष विराम की आड़ में नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप फिर से सक्रिय करने के साथ घुसपैठ के प्रयास भी तेज कर दिए। आपको बता दें कि इससे पहले गत नवंबर 2020 में करीब तीन आतंकवादियों ने मच्छल सेक्टर से भारतीय सीमा में घुसपैठ का प्रयास किया था। सेना के सतर्क जवानों ने घुसपैठ के इस प्रयास को नाकाम बनाते हुए तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया। हालांकि इस मुठभेड़ में सेना के तीन जवान भी शहादत पा गए थे।

इससे पूर्व जिला कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में अप्रैल 2020 में घुसपैठियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में भी सेना को काफी नुकसान हुआ था। इस मुठभेड़ में भी जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हुए थे। जबकि पाकिस्तान से घुसपैठ कर भारतीय सीमा में घुस आए पांचों आतंकवादियों को भी मार गिराया गया था।

आने वाले दिनों में बढ़ेगी घुसपैठ : खुफिया एजेंसियों ने सेना को पहले ही इस बारे में सूचित कर दिया था कि आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर सीमा पर घुसपैठ के प्रयास तेज होंगे। उन्होंने कहा कि बर्फबारी शुरू होने वाली है। इससे पहले कि घुसपैठ के सभी रास्ते बंद हों, आतंकी संगठनों ने गुलाम कश्मीर में डेरा डाले अपने साथियों को भारतीय सीमा मेंं घुसने के प्रयास तेज करने को कहा है। इस बात की पुष्टि यहां से भी हाे जाती है कि पिछले दो महीनों के दौरान जम्मू-कश्मीहर में जिला पुंछ, राजौरी और उड़ी सेक्टर से आतंकियों ने चार बार घुसपैठ का प्रयास किया है। इन मुठभेड़ों में एक दर्जन से अधिक आतंकी मार गए हैं।

नेतृत्व वहीन आतंकी संगठनों का मनोबल गिरा है : ऐसी सूचनाएं भी मिल रही हैं कि कश्मीर में आतंकी संगठनों पर कस्ते सुरक्षाबलों के शिकंजें की वजह से आतंकवादियों व उनके सहयोगियों का मनोबल लगातार गिर रहा है। यही नहीं सुरक्षाबलों ने घाटी में सक्रिय मुख्य आतंकवादी संगठनों के लगभग सभी कमांडरों को ढेर कर दिया है। ऐसे में उन्हें गाइड करने वाला भी अब कोई नहीं रह गया है। ऐसे में पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों के आकांओं को यह चिंता भी सता रही है कि यदि जल्द से जल्द घाटी में आतंकियों तक कोई मदद नहीं पहुंची तो उनका सपना अधूरा रह जाएगा।

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