PAGD Meeting: गुपकार ने फिर अलापा अनुच्छेद 370 बहाली का राग, कहा- केंद्र से मांगा जाएगा दो साल में उपलब्धियों का हिसाब
PAGD Meeting In Srinagar सुबह करीब 11 बजे डा. फारूक अब्दुल्ला के निवास पर पीएजीडी की उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और संयोजक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी पहुंचे। अवामी नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष मुजफ्फर शाह भी कुछ ही देर में अपने मामा के घर पहुंच गए।
श्रीनगर, जेएनएन। पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) ने अनुच्छेद 370 की बहाली का राग फिर अलापना शुरू कर दिया है। पीएजीडी जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पूर्व संवैधानिक स्थिति की बहाली और अनुच्छेद 370 को वापस पाने के लिए संसद व देश की जनता का द्वार भी खटखटाएगा। यह फैसला वीरवार सुबह नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला के आवास पर हुई पीएजीडी के घटक दलों के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में लिया।
गौरतलब है कि वीरवार को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए दो साल पूरे हुए हैं। डा. फारूक पीएजीडी के अध्यक्ष हैं। जबकि पीडीपी की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पीएजीडी की उपाध्यक्ष हैं। पीएजीडी का गठन बीते साल अक्टूबर में किया था। पीएजीडी का मकसद अनुच्छेद 370 और 35ए को फिर से बहाल कराना है और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को रद कराना है।
सुबह करीब 11 बजे डा. फारूक अब्दुल्ला के निवास पर पीएजीडी की उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और संयोजक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी पहुंचे। अवामी नेशनल कांफ्रेंस के कार्यवाहक अध्यक्ष मुजफ्फर शाह भी कुछ ही देर में अपने मामा के घर पहुंच गए। इसके बाद इन नेताओं के बीच करीब दो घंटे तक बैठक चली। इसमें मौजूदा हालात और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के खिलाफ अदालत में दायर याचिकाओं की मौजूदा स्थिति पर विचार विमर्श हुआ। तारीगामी ने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाते हुए जो वादे किए थेे, वह सब आज तक अधूरे हैं।
कहा जाता था कि यहां हालात पूरी तरह से सामान्य हो जाएंगे, आतंकी हिंसा खत्म होगी, लेकिन आतंकवाद आज भी पहले की तरह ही हैं। आए दिन किसी न किसी इलाके से कोई युवक बंदूक उठा रहा है। केंद्र ने असंवैधानिक तरीके से जिस तरह से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया है, उससे आम कश्मीरी भारतीय लोकतंत्र और मुख्यधारा से कहीं न कहीं विमुख हुआ है। उन्होंने कहा कि बैठक में तय किया कि पांच अगस्त 2019 को छीना है, उसे वापस पाने के लिए पीएजीडी प्रत्येक नागरिक के दरवाजे पर दस्तक देगा। संसद में इस मुद्दे पर बात की जाएगी। दो साल में केंद्र सरकार की जम्मू कश्मीर में कथित उपलब्धियों का हिसाब मांगा जाएगा।