Jammu : धान की फसल कटाई के लिए तैयार, अब किसानों को मंडी की चिंता
किसानों ने कहा कि इस बार छोटी बासमती शरबती का उत्पादन काफी अच्छा हुआ है। वह अपनी फसल की कटाई में जुटे हुए हैं मगर अंदर ही अंदर चिंता सताई जा रही है कि सरकार इस बार भी सरकारी धान खरीद की मंडी क्षेत्र में स्थापित करती है या नहीं।
मीरां साहिब, संवाद सहयोगी : क्षेत्र के किसान इन दिनों धान की छोटी शरबती बासमती नंबर 1410 की कटाई में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। किसानों ने सरकार से कहा कि फसल कटाई के लिए तैयार है। उनकी मांग है कि सरकार क्षेत्र में कहीं पर बासमती फसल की खरीद के लिए सरकारी मंडी स्थापित करे। इसके साथ ही बासमती का सरकारी रेट भी तय किया जाए।
फसल की कटाई में जुटे किसान सुभाष दसगोतरा, चमन लाल, सौदागरमल, रमेश कुमार, हरबंस लाल आदि का कहना है कि इस बार छोटी बासमती शरबती का उत्पादन काफी अच्छा हुआ है। वह अपनी फसल की कटाई में जुटे हुए हैं मगर उन्हें अंदर ही अंदर चिंता सताई जा रही है कि सरकार इस बार भी सरकारी धान खरीद की मंडी क्षेत्र में स्थापित करती है या नहीं।
उन्होंने कहा कि पिछली बार भी जब मंडी स्थापित की गई थी तो उससे पहले ही किसानों ने अपनी फसल व्यापारियों को बेच दी थी, इसलिए इस बार सरकार को अभी से ही क्षेत्र में सरकारी धान खरीद मंडी स्थापित करनी चाहिए ताकि जब तक फसल कटाई पूरी तरह से हो जाए तो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए अच्छे दाम मिल सकें और उन्हें अपनी फसल व्यापारियों को कम दाम पर ना बेचनी पड़ जाए। किसान नेता सुरजीत कुमार, जम्मू-कश्मीर किसान तहरीक संगठन के प्रदेश प्रधान किशोर शर्मा का कहना है कि किसानों की समस्या के समाधान के लिए सरकार को तेजी से कदम उठाने चाहिए मगर हर बार ऐसा नहीं होता।
किसानों को फसल बेचने के लिए ही परेशानी का सामना करना पड़ता है, जब तक कोई सरकारी धान खरीद की मंडी खुलती है, तब तक किसान अपनी फसल को बेच चुके होते हैं। इनकी भी मांग है कि अभी तो छोटी शरबती की कटाई हो रही है। जल्द ही अन्य दूसरी वैरायटी की फसल भी पक जाएगी इसलिए सरकार को जल्द से जल्द सरकारी धान खरीद मंडी को क्षेत्र में कहीं पर स्थापित करना चाहिए अन्यथा के बाहर सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर हो सकते हैं।