जम्मू जिले में सरकारी कांटे पर 22 हजार क्विंटल धान खरीद

जागरण संवाददाता, जम्मू : किसानों की सहूलियत के लिए जम्मू जिले में खोले गए धान खरीद केंद्रों पर अब तक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 08:23 AM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 08:23 AM (IST)
जम्मू जिले में सरकारी कांटे पर 22 हजार क्विंटल धान खरीद
जम्मू जिले में सरकारी कांटे पर 22 हजार क्विंटल धान खरीद

जागरण संवाददाता, जम्मू : किसानों की सहूलियत के लिए जम्मू जिले में खोले गए धान खरीद केंद्रों पर अब तक 22000 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। सबसे ज्यादा धान 2538 क्विंटल सौहांजना के केंद्र पर खरीदा गया। हालांकि कुछ केंद्रों पर खरीदारी धीमी है। इसको लेकर किसानों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे इन केंद्रों पर पहुंच कर अपना धान बेचें ताकि उनको सरकार का समर्थन मूल्य प्राप्त हो सके। केंद्र सरकार ने किसानों की सहूलियत के लिए पहले ही धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किया हुआ है। ए ग्रेड की धान के लिए किसानों को 1835 रुपये व सामान्य धान के लिए 1815 रुपये प्रति क्विटल प्राप्त होंगे। जम्मू जिले में कृषि विभाग-एफसीआई ने 14 धान खरीद केंद्र खड़े किए हैं। इसमें मढ़, चन्नुचक, गजनसू, भदरोड, सौहांजना, ज्यौड़ियां एक, ज्यौड़ियां दो, ज्यौड़ियां तीन, गुड़ा मन्हासा एक, गुड़ा मन्हासा दो, गुड़ा मन्हासा तीन, अरनिया शामिल हैं। इन केंद्रों पर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। धान की साफ सफाई के लिए सुविधा मुहैया कराई गई है। किसानों के लिए दिसंबर के अंत तक यह केंद्र खुले रहेंगे।

16 नवंबर तक हुई खरीद

मढ़ 2206 क्विंटल

चन्नु चक 2939 क्विंटल

गजनसू 1737 क्विंटल

भदरोड़ 810 क्विंटल

सौहांजना 2538 क्विंटल

ज्यौड़िया एक 1888 क्विंटल

ज्यौड़िया दो 1025 क्विंटल

ज्यौड़िया तीन 1289 क्विंटल

गुड़ा मन्हासा एक 1867 क्विंटल

गुड़ा मन्हासा दो 1687 क्विंटल

गुड़ा मन्हासा तीन 1493 क्विंटल

अरनिया 238 क्विंटल

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मगर किसान 1400 रुपये में बेचने को मजबूर

सरकारी केंद्र खुले होने के बाद भी किसान सस्ते में प्राइवेट व्यापारियों को धान बेचने को मजबूर हैं। किसानों का कहना है कि धान खरीद केंद्रों पर उचित सुविधाओं की कमी होने के कारण किसान को परेशान होना पड़ता है। सौहांजना के पूर्व सरपंच कुलभूषण खजुरिया ने बताया कि एक केंद्र पर धान सफाई के लिए पेडी क्लीनर मशीन एक ही है। इसके माध्यम से दो सौ क्विटल से ज्यादा धान की सफाई नही हो पाती। ऐसे में किसान का नित्य माल उठ ही नहीं पाता। कई कई दिनों तक किसानों को धान खरीद केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। वहीं मीरां साहिब के किसान नेता किशोर कुमार का कहना है कि यह ठीक है कि धान खरीद केंद्र खुले हैं मगर बारिश आ जाए तो किसान माल को कहां सुरक्षित करेगा। यही कारण है कि किसान अपने जोखिम को देखता है। ऐसे में वह प्राइवेट में माल बेचने के लिए मजबूर होता है। रामगढ़ के किसान प्रकाश चौधरी का कहना है कि मौके पर किसानों को माल की अदायगी नही मिलती। उसे कई दिनों का इंतजार करना पड़ता है जबकि किसानों को जल्द पैसे की जरूरत रहती है। यही कारण है कि वह सस्ते में व्यापारियों को माल बेच रहा है।

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हर किसान से खरीदा जाएगा धान

कृषि विभाग के नोडल आफिसर राजेंद्र सिंह जम्वाल ने कहा कि जिले में 14 धान खरीद केंद्र कायम किए हुए है। कोई भी किसान इन केंद्रों पर पहुंचकर अपनी धान बेच सकता है। सबकी धान खरीदी जाएगा, महज किसान थोड़ा धैर्य जरूर बनाए रखें। रही सवाल सुविधाओं की तो हर केंद्र में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं। किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि उनकी धान साफ सुथरा व बेहतर दर्जें की है। किसानों को अच्छे दाम मिलें, इसलिए ही यह केंद्र स्थापित किए गए हैं। मगर धान धान इन केंद्रों पर पहुंचाना किसानों का काम है।

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