Jammu Kashmir : बीस जिलों में से 11 में हो जाएंगे मेडिकल कालेज और एम्स

इससे सरकारी मेडिकल कालेजों की संख्या भी दस हो जाएगी और बीस जिलों में से 11 में मेडिकल कालेज या एम्स स्थापित हो जाएंगे। जनसंख्या और जिलों के लिहाज से जम्मू-कश्मीर उन केंद्र शासित प्रदेशों और प्रदेशों में शामिल हो जाएगा जहां पर इतने अधिक मेडिकल कालेज हैं।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 09:27 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 09:27 PM (IST)
Jammu Kashmir : बीस जिलों में से 11 में हो जाएंगे मेडिकल कालेज और एम्स
अभी तक जम्मू-कश्मीर में आठ सरकारी मेडिकल कालेज थे।

जम्मू, रोहित जंडियाल : जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक और उपलब्ध हासिल करने जा रहा है। दो और मेडिकल कालेजों के स्थापित होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इन कालेजों के खुलने से सौ से दो सौ एमबीबीएस की सीटें बढ़ना तय है। वहीं इससे सरकारी मेडिकल कालेजों की संख्या भी दस हो जाएगी और बीस जिलों में से 11 में मेडिकल कालेज या एम्स स्थापित हो जाएंगे। जनसंख्या और जिलों के लिहाज से जम्मू-कश्मीर उन केंद्र शासित प्रदेशों और प्रदेशों में शामिल हो जाएगा जहां पर इतने अधिक मेडिकल कालेज हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह रविवार को ऊधमपुर और हंदवाड़ा में मेडिकल कालेजों के नींव पत्थर रखेंगे।

वह वर्चुअल मोड से दोनों के नींव पत्थर रखेंगे। 325 करोड़ की अनुमानित लागत से बनने वाले मेडिकल कालेज के निर्माण पर 115 करोड़ रुपये खर्च होंगे। छात्रावासों और छात्रों तथा फैकल्टी के आवासों के लिए 80 करोड़ रुपये, जबकि उपकरणों पर 70 करोड़ रुपये और शिक्षण अस्पताल को अपग्रेड करने के लिए 60 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। हंदवाड़ा मेडिकल कालेज में भी इसी तरह का प्रावधान है। अभी तक जम्मू-कश्मीर में आठ सरकारी मेडिकल कालेज थे। इनमें राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू, राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर, शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल कालेज सौरा और बेमिना शामिल हैं। गत तीन साल में राजौरी, डोडा, कठुआ, बारामुला और अनंतनाग में भी मेडिकल कालेज स्थापित हो गए। इन सभी में इस समय एमबीबीएस की कक्षाएं चल रही है। इसके अलावा एक निजी मेडिकल कालेज आचार्य श्री चंद्र मेडिकल कालेज भी जम्मू में स्थित है।

मेडिकल कालेजों में साल 2018-19 तक एमबीबीएस की 500 सीटें थी लेकिन साल 2020-21 के सत्र में सीटें बढ़कर 1100 हो गई थी। अगर अगले सत्र में इन दोनों ही मेडिकल कालेजों को भी कक्षाएं शुरू करने की इजाजत मिलती है तो इससे एमबीबीएस की सीटें बढ़कर 1300 के आसपास हो सकती हैं। अच्छी बात यह है कि जम्मू-कश्मीर के नए मेडिकल कालेजों में पचास फीसद सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित हैं।वहीं अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान विजयपुर में भी इस सत्र से कक्षाएं शुरू हो गई हैं। अनतंनाग एम्स में भी एमबीबीएस की कक्षाएं अगले सत्र से शुरू हो जाएंगी। यह दोनों कालेज दस मेडिकल कालेजों के अलावा होंगे। मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रधान डा. सत्यदेव गुप्ता का कहना है नए मेडिकल कालेज खुलने से यहां के विद्यार्थियों को लाभ होगा।

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इन जिलों में ही नहीं होंगे मेडिकल कालेज जम्मू:

जम्मू संभाग में जम्मू, कठुआ, राजौरी, डोडा के बाद अब ऊधमपुर में भी मेडिकल कालेज खुलने जा रहा है। इसके अलावा सांबा जिले में एम्स में भी एमबीबीएस की कक्षाएं चल gरही हैं। इससे अब रियासी, रामबन, किश्तवाड़ और पुंछ जिलों में ही मेडिकल कालेज नहीं हैं। इसी तरह कश्मीर में श्रीनगर, बारामुला, अनंतनाग, कुपवाड़ा जिलों में मेडिकल कालेज हो गए हैं। पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में एम्स बन रहा है। अब कश्मीर में पांच जिले बांडीपोरा, शोपियां, कुलगाम, गांदरबल और बडगाम जिलों में मेडिकल कालेज नहीं हैं।

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