Kashmiri Pandit: थाल के दर्शन कर कश्मीरी पंडितों की प्रार्थना अगला नवरेह कश्मीर में ही आए

कश्मीरी पंडितों ने देवी मां से कश्मीरी वापसी की कामना की है। 30 बरस से जम्मू व देश के दूसरे हिस्से में रह रहे कश्मीरी पंडित हर हाल में अब घाटी वापिस जाना चाहते हैं और वहां पर अगला नवरेह का त्योहार मनाना चाहते हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 10:34 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 10:34 AM (IST)
Kashmiri Pandit: थाल के दर्शन कर कश्मीरी पंडितों की प्रार्थना अगला नवरेह कश्मीर में ही आए
कश्मीरी पंडितों ने बहुत सह लिया। अब हमें अपने घर जाना है। सरकार को रास्ता बनाना ही होगा।

जम्मू, जागरण संवाददाता: नवरेह (नये साल) की सुबह उठते ही कश्मीरी पंडितों ने कल भरे गए थाल के दर्शन किए, देवी मां के आगे माथा टेका। वहीं देवी मां से कामना की कि अगले साल का नवरेह उनके लिए कश्मीर में ही आए। कश्मीरी पंडितों के घर घर यही कामना की जा रही है।

कश्मीरी पंडितों में रिवायत है कि वे नवरेह से पूर्व संध्या पर थाल भरते हैं जिसमें दूध , दही, जंतरी, फूल, अखरोट सामग्री रखते हैं और इसमें माता की फोटो सजाते हैं। अगले दिन सुबह उठते ही परिवार के सदस्य थाल के दर्शन करते हैं और पैसे भी चढ़ाते हैं। वहीं खुशहाली की कामना करते हैं।

इस बार इन कश्मीरी पंडितों ने देवी मां से कश्मीरी वापसी की कामना की है। 30 बरस से जम्मू व देश के दूसरे हिस्से में रह रहे कश्मीरी पंडित हर हाल में अब घाटी वापिस जाना चाहते हैं और वहां पर अगला नवरेह का त्योहार मनाना चाहते हैं। किंग सी भारती जोकि फिल्म निर्माता भी हैं,ने थाल के दर्शन किए और प्रभु से प्रार्थना कि कि वह चाहते हैं कि अगले साल का नरवेह वह खुशी ख्रुशी कश्मीर में मनाएं। यह तभी संभव होगा जब कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी हो सकेगी।

इशा और इशू दोनों बहनें हैं जिन्होंने कश्मीर तो देखा है मगर ऐसे ही जैसे कि पर्यटक आते जाते हैं। उनका सपना है कि वे कश्मीर में अपनी संस्कृति से, अपनी मिट्टी से जुड़ें। इसलिए सुबह उठकर उन्होंने थाल के दर्शन किए और प्रार्थना की कि कश्मीरी पंडितों की शीघ्र घाटी वापसी हो। उनका कहना है कि कश्मीरी पंडितों ने बहुत सह लिया। अब हमें अपने घर जाना है। सरकार को रास्ता बनाना ही होगा। 

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