5th August Celebration: आज के ही दिन देश के दुश्मनों पर हुआ था दो तरफा प्रहार, कमजोर हो गए शांति के दुश्मन

पांच अगस्त 2019 के बाद प्रदेश में स्थायी शांति कायम करने की सुरक्षाबलों की मुहिम रंग लाई तो आतंकवादियों अलगाववादियों के खौफ को नजरअंदाज कर प्रदेश के लोग ग्रामीण विकास को मजबूत बनाने के लिए खुलकर मैदान में आ गए।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 09:14 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 02:57 PM (IST)
5th August Celebration: आज के ही दिन देश के दुश्मनों पर हुआ था दो तरफा प्रहार, कमजोर हो गए शांति के दुश्मन
घुसपैठ करने के लिए तारबंदी के पास आने वालों को अब मार गिराया जाता है।

जम्मू, विवेक सिंह: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद सुरक्षा कर्मियों का बुलंद हौंसला व शांति के प्रति लोगों का जोश देश के दुश्मनों पर भारी पड़ गया। दुश्मन पर दो तरफा प्रहार हुआ। सेना, सुरक्षाबलों के आतंकवाद की कमर तोड़ने की मुहिम में लोगों ने साथ दिया तो देश के दुश्मन अकेले पड़ गए।

सरहद पर घुसपैठ पर अंकुश लगाकर प्रदेश में सक्रिय देश के दुश्मनों पर करारे प्रहार किए गए । यह देश के दुश्मनों की हताशा का नतीजा है कि आज पाकिस्तान सीमा पर मरने के लिए आतंकवादियों को भेजने के बजाए ड्रोन से आतंकवाद को शह देने की कोशिशें कर रहा है।

पांच अगस्त 2019 के बाद प्रदेश में स्थायी शांति कायम करने की सुरक्षाबलों की मुहिम रंग लाई तो आतंकवादियों, अलगाववादियों के खौफ को नजरअंदाज कर प्रदेश के लोग ग्रामीण विकास को मजबूत बनाने के लिए खुलकर मैदान में आ गए। यह देश के दुश्मनों की पहली हार थी, कश्मीर में जिला विकास परिषद चुनाव की कामयाबी, पत्थरबाजी बंद होने के बाद सुरक्षाबलों ने और भी अधिक उत्साह के साथ भय फैलाने वाले आतंकवादियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया।

अनुच्छेद 370 हटने के दो सालों के दौरान सुरक्षाबलों ने प्रदेश में 365 आतंकवादियों को मार गिराया। वहीं इस अरसे में सुरक्षाबलों ने हताशा में आम लोगों पर हमले कर 66 लोगों की जानें ले ली। आतंक पर सटीक प्रहारों से आतंकवादी तंजीमों की मुश्किलें बढ़ गई व आज वे चाहकर भी प्रदेश में सक्रिय आतंकवादियों के लिए हथियार तक नही भेज पा रहे हैं।

सेना के सेवानिवृत मेजर जनरल जीएस जम्वाल का कहना है कि 370 हटने के दो सालों में आतंक की बुनियाद कमजोर हो गई। आज आतंकवादी व उनके समर्थक जानें बचाने के लिए भाग रहे हैं। घुसपैठ पर अंकुश लगने के बाद ही पाकिस्तान को ड्रोन का इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। घुसपैठ करने के लिए तारबंदी के पास आने वालों को अब मार गिराया जाता है।

370 हटने से बंद हुआ दरबार मूव, जवाबदेह हुए कर्मचारी: कश्मीर केंद्रित सरकारों के कार्यकाल में लचर प्रशासनिक व्यवस्था ने भ्रष्टाचार को शह दी। ऐसे में प्रशासनिक व्यवस्था में सक्रिय काली भेड़ों की पहचान की कार्रवाई करने के साथ दरबार मूव को बंद कर सरकार पर पड़ रहे भारी भरकम वित्तीय बोझ को कम कर दिया गया।

सरकार ने दरबार मूव बदं करने के साथ ही खर्चे कम करने के लिए दोनो राजधानियों में सचिवालय कर्मियों को सरकारी क्वार्टर छोड़ने के आदेश भी दे दिए गए। यह एक बहुत बड़ा फैसला था। भ्रष्टाचार के दाैर में विभागों में कुछ भ्रष्ट अधिकारी अंदर से सिस्टम खराब कर रहे थे। ऐसे में अनुच्छेद 370 हटते ही प्रदेश में पारदर्शी व्यवस्था बनाने की मुहिम ने जोर पकड़ लिया। अब सरकारी नौकरी की आड़ में देश विरोधी तत्वों की भाषा बोलने वाले कर्मचारियों की पहचान हो रही है। दो सालों में कार्यालयों में अनुशासन, बायोमीट्रिक हाजरी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए। नाकारा कर्मचारियों को जबरी सेवानृवित करने के लिए कमेटी बनाने के साथ इस समय ऐसे अधिकारियों की पहचान की जा रही है जिनके खिलाफ जांच के मामले ठंडे बस्ते में पड़े हैं। अब कमेटियां छापे मार कर सुनिश्चित कर रही हैं कि कर्मचारी समय पर आएं वहीं उपराज्यपाल सुनिश्चित कर रहे हैं कि डिप्टी कमिश्नर दो दिन लोगों के बीच जाकर बिताएं।

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