Jammu Kashmir: काेरोना की आड़ में लूट खसूट रोकने को लेकर हरकत में आया प्रशासन, एनएसएफ ने की प्रशंसा
कोरोना की आड़ में प्राइवेट अस्पतालों दवाइयों की दुकानों प्रयोगशालाओं और दूसरे स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा मन मर्जी के पैसे वसूलने और संतोषजनक परिणाम न मिलने को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है।इसका नेशनल सेक्युलर फोरम ने स्वागत किया है।
जम्मू, जागरण संवाददाता : कोरोना की आड़ में प्राइवेट अस्पतालों, दवाइयों की दुकानों, प्रयोगशालाओं और दूसरे स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा मन मर्जी के पैसे वसूलने और संतोषजनक परिणाम न मिलने को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है।इसका नेशनल सेक्युलर फोरम ने स्वागत किया है।
नेशनल सेक्युलर फोरम के अध्यक्ष डा. विकास शर्मा ने कहा कि उन्होंने 9 मई को कोविड के समय में लूट खसूट को लेकर मुद्दा उठाते हुए इस पर संज्ञान लेने के लिए कहा था। उसके बाद प्रशासन ने शिकायतों को देखने के लिए एक समिति का गठन किया है। 14 मई को जारी आदेश के माध्यम से मंडलायुक्त, जम्मू द्वारा गठित समिति का उल्लेख करते हुए डा. विकास शर्मा ने कहा कि एलजी प्रशासन की समय पर कार्रवाई बड़े पैमाने पर कोविड-19 के आक्रामक प्रकोप से जूझ रहे आम लोगों के हितों की रक्षा करेगी।
उन्होंने दोहराया कि रोगियों को अक्सर निजी प्रयोगशालाओं से सीटी स्कैन और अन्य परीक्षणों के लिए जाना पड़ता है। जनता की दयनीय दुर्दशा का मुनाफाखोर लाभ उठा रहे हैं। जब तक ऐसे लोगों पर शिकंजा नहीं कसा जाता किसी समस्या का समाधान संभव नहीं है।
उपराज्यपाल के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए डा. विकास ने कहा कि एलजी प्रशासन द्वारा समय पर की गई त्वरित कार्रवाई प्रशंसनीय है। निजी क्लीनिकों की मनमर्जी रोकने से ही स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा। हर चीज के मूल्य तय हों और जनता को इसकी जानकारी हो तो अपने आप लूट रुक सकती है। दवाइयों के मूल्यों पर भी नजर रखने की जरूरत है। एक ही दवाई के अलग-अलग दुकानों पर अलग-अलग मूल्य वसूले जाते हैं। प्रेस कांफ्रेंस में उपस्थित लोगों में डा. सुखदेव सिंह, पापिंदर सिंह और राहुल शर्मा शामिल थे।