Jammu Kashmir: आधार की तरह ही अब नर्सों को विशेष पहचान पत्र, जम्मू और कश्मीर में हो रहा है पंजीकरण

जम्मू कश्मीर में भी नर्सों को अब विशेष पहचान पत्र दिया जाएगा। आधार कार्ड की तरह ही इसमें भी एक विशेष नंबर नर्स को दिया जाएगा। इसका मकसद सभी नसों को एक ही बैनर तले लाना उनका बायोडाटा जुटाना और पारदर्शिता लाना है।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 08:00 PM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 08:00 PM (IST)
Jammu Kashmir: आधार की तरह ही अब नर्सों को विशेष पहचान पत्र, जम्मू और कश्मीर में हो रहा है पंजीकरण
नर्सेस रजिस्ट्रेशन ट्रैकिंग सिस्टम के तहत देश में जितनी भी नर्स हैं, उनका डाटा तैयार किया जा रहा है।

जम्मू, रोहित जंडियाल : देश के अन्य भागों की तरह ही जम्मू कश्मीर में भी नर्सों को अब विशेष पहचान पत्र दिया जाएगा। आधार कार्ड की तरह ही इसमें भी एक विशेष नंबर नर्स को दिया जाएगा। इसका मकसद सभी नसों को एक ही बैनर तले लाना, उनका बायोडाटा जुटाना और पारदर्शिता लाना है। यही नहीं नर्सेस का एक सूचना बैंक भी तैयार हो रहा है। इसके लिए इन दिनों जम्मू आैर कश्मीर के विभिन्न भागों में कैंप भी आयोजित किए जा रहे हैं। इंडियन नर्सिस काउंसिल के बैनर तले चल रहे इस अभियान के तहत हर प्रशिक्षित नर्स का पंजीकरण किया जा रहा है।

पहले स्टेट नर्सेस काउंसिल में सभी का पंजीकरण अनिवार्य है। इसके बाद नर्सेस रजिस्ट्रेशन ट्रैकिंग सिस्टम के तहत सभी नर्सेस का पंजीकरण किया जा रहा है। इसके लिए जम्मू संभाग के कुछ जिलों में कैंप आयोजित किए गए हैं और अब इसी महीने से कश्मीर में भी कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। इसकी पुष्टि नर्सेस काउंसिल के रजिस्ट्रार डा. संदीप सिंह ने भी की है। उनका कहना है कि देश के कई प्रदेशों में नर्सेस का नर्सेस रजिस्ट्रेशन ट्रैकिंग सिस्टम के तहत पंजीकरण हो चुका है। यहां पर यह पिछले वर्ष ही होना था, लेकिन कोरोना के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाया। इस साल अब जम्मू-कश्मीर में पंजीकरण हो रहा है।

नर्सेस रजिस्ट्रेशन ट्रैकिंग सिस्टम के तहत देश में जितनी भी नर्स हैं, उनका डाटा तैयार किया जा रहा है। उनका एक कार्ड बनेगा, जिसमें एक उनका अलग पहचान वाला नंबर होगा। हर नर्स को जो नंबर दिया जाएगा, वे किसी दूसरे को नहीं दिया जाएगा। यह लगभग आधार कार्ड जैसा ही होगा। डा. संदीप के अनुसार इसका मकसद देश भर की नर्सों का बायोडाटा जुटाना है। इससे सभी को यह जानकारी मिल सकेगी कि देश में कितनी नर्स हैं। उनकी योग्यता क्या है और रोजगार की स्थिति क्या है। इससे निजी क्षेत्र के अस्पताल भी अपनी जरूरत के लिहाज से उनका बायोडाटा देखकर उन्हेंं रोजगार दे सकेंगे। जम्मू-कश्मीर में अभी तक पांच हजार नर्सों का इसमें पंजीकरण हो चुका है।

निजी नर्सिंग कालेजों की धोखाधड़ी पर भी लगेगा अंकुश : वहीं इसका एक लाभ यह भी होगा अभी कई बार यह देखने को मिलता है कि कुछ निजी नर्सिंग कालेजों में धोखाधड़ी होती है। एक ही स्टाफ को कई जगहों पर काम करते हुए दिखाया जाता है। एक बार जब सभी का रिकार्ड आनलाइन होगा और उनको विशेष नंबर दिया जाएगा तो इससे कोई दो जगह नौकरी भी नहीं कर पाएगा। इससे पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। डा. संदीप के अनुसार इससे सभी को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया अभी जारी रहेगी। कश्मीर में अब कैंप लगाने की तैयारी है।

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