अब समग्र तकदीर बदलने की राह पर चलेगी स्कूली शिक्षा, केंद्र सरकार ने 1073 करोड़ मंजूर किए

केंद्र सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए 1073 करोड़ मंजूर किए कुल राशि का 90 फीसद केंद्र और 10 फीसद जम्मू कश्मीर सरकार देगी

By Preeti jhaEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 10:12 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 03:50 PM (IST)
अब समग्र तकदीर बदलने की राह पर चलेगी स्कूली शिक्षा, केंद्र सरकार ने 1073 करोड़ मंजूर किए
अब समग्र तकदीर बदलने की राह पर चलेगी स्कूली शिक्षा, केंद्र सरकार ने 1073 करोड़ मंजूर किए

जम्मू, सतनाम सिंह। प्रदेश में स्कूली शिक्षा की तकदीर बदलने की राह बन गई है। यह राह समग्र शिक्षा के रूप में आई है। केंद्र सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए 1073 करोड़ रुपये की बड़ी रकम मंजूर कर दी है। इसे समग्र शिक्षा के तहत स्वीकृति दी गई है। मंजूर हुई इस धनराशि का 90 फीसद केंद्र सरकार और मात्र 10 फीसद भाग जम्मू कश्मीर सरकार देगी। इस रकम से शिक्षा का बुनियादी ढांचा तो विकसित होगा ही, साथ ही विद्यार्थियों को आधुनिक तरीके से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी।

बड़ी बात यह है कि अध्यापकों के प्रशिक्षण पर भी धनराशि खर्च की जाएगी। इससे शिक्षा में उत्तरोत्तर सुधार होगा। यहां तक कि विद्यार्थियों को निशुल्क पुस्तकें और वर्दियां भी मिलेंगी।

2400 करोड़ का भेजा था प्रस्ताव:

जम्मू-कश्मीर के शिक्षा विभाग ने समग्र शिक्षा के तहत करीब 2400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। इसमें से 1073 करोड़ को मंजूरी दे दी गई है।

कहां कितना खर्च होगा

प्राथमिक शिक्षा 890.33 करोड़ सेकेंडरी शिक्षा 159.89 करोड़ अध्यापकों की शिक्षा 23.44 करोड़

विद्यार्थियों को ऐसे मिलेगा लाभ-

पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के 9,19,640 विद्यार्थियों को निशुल्क ड्रेस दी जाएगी। इस पर 55.17 करोड़ रुपये खर्च होंगे। तीसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के 6,14,163 बच्चों को 19.86 करोड़ रुपये की लागत से पुस्तकें मिलेंगी। प्रदेश में 76.85 लाख रुपये खर्च कर एक डिजिटल स्टूडियो स्थापित किया जाएगा। 408 कंप्यूटर लैब खोली जाएंगी। इसके लिए 26.11 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

विशेष जरूरत वाले बच्चों पर खास ध्यान

बड़ी बात है कि विशेष जरूरतों वाले बच्चों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इस पर केंद्र और जम्मू कश्मीर की सरकार गंभीर होकर काम कर रही है। इसके लिए 9.16 करोड़ रुपये को मंजूरी मिली है। इससे विशेष जरूरतों वाले बच्चों को सुविधाएं हासिल होगी।

एनसीईआरटी की राह पर भी चलेंगे

जम्मू कश्मीर में एनसीईआरटी की तर्ज पर स्टेट काउंसिल फॉर एजूकेशन, रिसर्च एंड ट्रेनिंग बनाया जाएगा। डिस्टि्क इंस्टीट्यूट आफ एजूकेशन एंड ट्रेनिंग में रिसर्च गतिविधियों के लिए 4.60 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

अभी इस तरह बढ़ रहे कदम

दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देकर ड्राप आउट कम किया जा रहा है। 88 कस्तूरबा गांधी बालिका स्कूल खोले गए है। 15400 छात्राओं के लिए 88 हॉस्टल भी तैयार किए गए हैं। सात नए मॉडल सेकेंडरी स्कूल और अतिरिक्त क्लास रूम बनाए जा रहे हैं। 38 हजार रहबर-ए-तालीम अध्यापकों को स्थायी किया गया है। निशिता कार्यक्रम के तहत 86 हजार अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 8.2 लाख बच्चों के घरों तक मिड डे मील योजना का राशन पहुंचाया गया। तीन लाख बच्चों के घरों तक स्टडी मैटेरियल पहुंचाया गया। आनलाइन शिक्षा के जरिए और सामुदायिक शिक्षा से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।

जम्मू कश्मीर में शिक्षा के ढांचे के लिए समग्रह शिक्षा अभियान की अहम भूमिका है। वित्त वर्ष 2020-21 में प्रदेश सरकार को मिले 1073 करोड़ से शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार आएगा। शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव असगर सेमून की सक्रियता से पूरा विभाग जीजान से काम कर रहा है। समग्र शिक्षा के तहत अतिरिक्त क्लास रूम भी बनाए जाने हैं। पिछले साल भी काफी काम हुआ है।डॉ. अरुण मन्हास, प्रोजेक्ट डायरेक्टर समग्र शिक्षा

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