Jammu Kashmir : अनुच्छेद 370 पर अब तू-तू मैं-मैं की सियासत, विशेष दर्जा खत्म होने का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ रहे

नेकां पीडीपी पीपुल्स कांफ्रेंस औार अवामी नेशनल कांफ्रेंस समेत कश्मीर केंद्रित सभी राजनीतिक दल इसके खिलाफ हैं। करीब ढाई साल से ये दल एकजुट नजर आ रहे थे लेकिन अब वह 370 की समाप्ति का ठीकरा एक-दूसरे पर ही फोड़ने लगे हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 08:51 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 01:54 PM (IST)
Jammu Kashmir : अनुच्छेद 370 पर अब तू-तू मैं-मैं की सियासत, विशेष दर्जा खत्म होने का ठीकरा एक-दूसरे पर फोड़ रहे
नईम ने कहा कि पीडीपी ने तो हमेशा 370 पर भाजपा के मंसूबों को नाकाम किया है।

श्रीनगर, नवीन नवाज : जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर कश्मीर केंद्रित दलों में तू-तू मैं-मैं की सियासत होती नजर आ रही है। ये सियासी दल अनुच्छेद 370 की समाप्ति का ठीकरा एक-दूसरे पर फोडऩे लगे हैं। तभी तो 370 पुनर्बहाली के मुद्दे पर एकजुट नजर आने वाले दलों में मतभेद सामने आने लगे हैं। कांग्रेस इस मुद्दे पर पूरी तरह से किनारा करने के मूड में है तो पीपुल्स कांफ्रेंस संसद या अदालत ही लौटाएगी कहकर आगे बढ़ जाती है। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) में भी इस मुद्दे पर एकता भंग होती दिख रही है। अलबत्ता, वोट बैंक के लिए अनुच्छेद 370 की पुर्नबहाली की मांग बेशक जारी रहेगी, लेकिन इस पर होने वाला हंगामा अब शांत हो रहा है।

पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के सभी प्रविधान समाप्त कर दिए थे। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर व लद्दाख में बांट दिया गया। नेकां, पीडीपी, पीपुल्स कांफ्रेंस औार अवामी नेशनल कांफ्रेंस समेत कश्मीर केंद्रित सभी राजनीतिक दल इसके खिलाफ हैं। करीब ढाई साल से ये दल एकजुट नजर आ रहे थे, लेकिन अब वह 370 की समाप्ति का ठीकरा एक-दूसरे पर ही फोड़ने लगे हैं। इसकी शुरुआत नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने गत दिनों डोडा-किश्तवाड़ में अपनी जनसभाओं से कर दी।

उन्होंने बिना हिचक के पीडीपी के संस्थापक एवं पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद को 370 की समाप्ति के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया। वह यह तक बोले कि मुफ्ती सईद ने ही भाजपा को (गठबंधन कर) जम्मू कश्मीर में सत्ता तक पहुंचाया। इसका फायदा लेकर ही भाजपा ने अनुच्छेद 370 हटाया है। उमर ने यह भी दावा किया कि उन्होंने मुफ्ती को इस बारे में आगाह भी किया था। इसके तुरंत बाद पीडीपी की झुंझलाहट सामने आ गई। वरिष्ठ नेता नईम अख्तर बोल पड़े कि उमर अब्दुल्ला बकवास कर रहे हैं।

पीडीपी आज भी अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली की मांग पर कायम है। उन्होंने उमर पर ही आरोप जड़ दिया कि यह नेकां ही है, जिसने हमेशा भाजपा का प्रत्यक्ष-परोक्ष साथ दिया है। उमर जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की समाप्ति के लिए अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते। अपनी सफाई में नईम ने कहा कि पीडीपी ने तो हमेशा 370 पर भाजपा के मंसूबों को नाकाम किया है।

कांग्रेस में भी खुलेआम मतभेद : प्रदेश कांग्रेस में भी 370 की पुनर्बहाली के मुद्दे पर एक राय नहीं है। वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद बीते दिनों अनुच्छेद 370 के मुद्दे को आप्रसंगिक बता चुके हैं। हालांकि, वह इस मुद्दे को लगातार दो साल तक संसद में उठाते रहे हैं, पर अब उनकी अलग राय है। वह कहते हैं कि इसे छोड़ आगे बढऩे का समय आ चुका है और अब राज्य का दर्जा बहाल कराने और विधानसभा गठन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आजाद की इस राय पर उनकी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर असहमत हैं। वह कहते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोग इसकी पुनर्बहाली चाहते हैं, इसलिए कांग्रेस आवाज उठाती रहेगी।

कांग्रेस को नसीहत दे रहे उमर : उमर ने आजाद द्वारा अनुच्छेद 370 के मुददे को आप्रसंगिक बताए जाने पर कहा कि वह कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ जा रहे हैं। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा तो कांग्रेस की देन है। अगर आज इस मुद्दे पर कांग्रेस पीछे हटती है तो यह कांग्रेस की हार ही मानी जाएगी।

लोन के निशाने पर नेकां, पीडीपी और कांग्रेस भी : गुपकार गठबंधन के साथ रहे पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन को 370 पर अब नेकां, कांग्रेस और पीडीपी ईमानदार नजर नहीं आती। वह इन तीनों पार्टियों को जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की समाप्ति के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं। वह कहते हैं कि भाजपा का यह राजनीतिक एजेंडा था, नेकां और पीडीपी दोनों ही भाजपा को समय-समय पर साथ दिया। इन दोनों दलों ने विशिष्ट राजनीतिक व संवैधानिक पहचान को संरक्षित बनाए रखने के लिए क्या किया, यह जवाब चाहिए। लोन ने एक दिन पहले ही कहा था कि गुपकार गठबंधन से उनका कोई लेना देना नहीं है।

छुटकारा पाने के लिए दूसरों पर दोष : राजनीतिक मामलों के जानकार एडवोकेट अजात जम्वाल ने कहा कि अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर नेकां, पीडीपी व इन जैसे दल पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। इसकी पुनर्बहाली अब संभव नहीं है। इस सच्चाई को यह दल अच्छी तरह जानते हैं। इसलिए अब इससे छुटकारा पाने और वोट बैंक के लिए दूसरों को दोषी ठहरा रहे हैं। नेकां-पीडीपी ने तो पीपुल्स एलांयस फार गुपकार एलायंस बना रखा है। अगर दोनों ईमानदार हैं तो फिर अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर एक-दूसरे को क्यों निशाना बना रहे हैं। 

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