खुशखबरी: अब जम्मू-कश्मीर में निजी क्षेत्र के 5.70 लाख पीएफ खाता धारकों को भी मिलेगी पेंशन

राज्य के साथ करीब 5.70 लाख कर्मचारी व पंद्रह हजार के करीब प्रतिष्ठान पंजीकृत है। इनका सारा रिकॉर्ड शिफ्ट किया जा रहा है और अगले एक-दो महीने में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 01:11 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 01:11 PM (IST)
खुशखबरी: अब जम्मू-कश्मीर में निजी क्षेत्र के 5.70 लाख पीएफ खाता धारकों को भी मिलेगी पेंशन
खुशखबरी: अब जम्मू-कश्मीर में निजी क्षेत्र के 5.70 लाख पीएफ खाता धारकों को भी मिलेगी पेंशन

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू कश्मीर में निजी क्षेत्र के करीब 5.70 लाख पीएफ खाता धारक कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी। अब इन कर्मचारियों को भी पेंशन योजना का लाभ मिल पाएगा। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बनते ही पहली नवंबर से केंद्रीय कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) और विविध प्रावधान अधिनियम 1952 प्रभावी हो गया है। इसके साथ ही एक-दो महीने में जम्मू-कश्मीर में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों का पूरा रिकॉर्ड ईपीएफ आर्गेनाइजेशन में ट्रांसफर किया जाएगा। हालांकि पेंशन का लाभ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो अक्टूबर 2029 के बाद सेवानिवृत्त होंगे, क्योंकि केंद्रीय कानून के तहत पेंशन पाने के लिए न्यूनतम दस साल नौकरी की अनिवार्यता है।

जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के लिए नियुक्त रीजनल पीएफ कमिश्नर प्रशांत के. ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह जानकारी दी। प्रशांत ने बताया कि केंद्रीय पीएफ अधिनियम पहली नवंबर से प्रभावी हो चुका है और इस महीने से सभी प्रतिष्ठानों को ईपीएफ आर्गेनाइजेशन के खाते में पैसे जमा करवाना होगा। जम्मू-कश्मीर पीएफ विभाग के साथ पंजीकृत कर्मचारियों के बारे में प्रशांत ने कहा कि राज्य के साथ करीब 5.70 लाख कर्मचारी व पंद्रह हजार के करीब प्रतिष्ठान पंजीकृत है। इनका सारा रिकॉर्ड शिफ्ट किया जा रहा है और अगले एक-दो महीने में यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद कर्मचारियों का पैसा भी केंद्र के खाते में ट्रांसफर होगा।

ब्याज समेत पूरा पैसा ट्रांसफर करने के लिए जम्मू-कश्मीर पीएफ कार्यालय को एक साल का समय दिया गया है। प्रशांत ने कहा कि केंद्रीय कानून कई मायनों में जम्मू-कश्मीर के अधिनियम से बेहतर है और पूरी तरह आनलाइन सिस्टम होने के साथ खाता धारकों को पेंशन व बीमा योजना का लाभ प्रमुख है। प्रशांत ने जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के सभी प्रतिष्ठानों व कर्मचारियों से नवंबर महीने से अपनी हिस्सेदारी ईपीएफ आर्गेनाइजेशन के रीजनल पीएफ कमिश्नर के स्टेट बैंक खाते में जमा करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक चालान के माध्यम से यह पैसा जम्मू-कश्मीर बैंक के जरिये भी जमा करवाया जा सकता है। पत्रकार वार्ता के दौरान रीजनल आफिस के इनफोर्समेंट आफिसर रोहन आजाद भी मौजूद रहे।

यह होंगे फायदे :

दस साल की नौकरी पूरी होने पर पेंशन का लाभ। खाता धारक की मौत होने पर न्यूनतम ढाई लाख व अधिकतम छह लाख का मुआवजा। पहले यह राशि अधिकतम ढाई लाख थी। खाता धारक की मौत होने पर पत्नी को आजीवन 500 रुपये प्रति माह तथा दो बच्चों को 250-250 रुपये प्रति माह पेंशन। पहले अगर कोई कर्मचारी अपने पीएफ से पैसा एडवांस लेता था तो वापस जमा करवाने तक उसे दूसरी बार एडवांस नहीं मिलता था। केंद्रीय कानून में ऐसा नहीं है। कर्मचारी जब चाहे, उचित कारण बताकर पैसा निकाल सकता है। बीस दिन के भीतर होगा भुगतान। आवेदन के बीस दिन के भीतर ईपीएफओ भुगतान करेगा। ऐसा न करने की सूरत में कमिश्नर के वेतन से प्रतिदिन 12 फीसद के हिसाब से ब्याज कटने का प्रावधान है। पूर्व में इस प्रक्रिया में महीनों लग जाते थे। जितना चाहे पीएफ जमा करवाएं। जम्मू-कश्मीर के अधिनियम में प्रतिष्ठान व कर्मचारी 12-12 फीसद हिस्सेदारी देते थे। कर्मचारियों को अधिकतम 14 फीसद तक हिस्सेदारी देने की अनुमति थी, लेकिन केंद्रीय कानून में प्रतिष्ठान की हिस्सेदारी तो अधिकतम 12 फीसद ही रहेगी, लेकिन कर्मचारी जितना अधिक चाहे, पीएफ जमा करवा सकता है। हर खाता धारक को मिलेगा अपना यूजर आइडी-पासवर्ड। इससे कर्मचारी जब चाहे आनलाइन अपनी पासबुक चेक कर सकता है। यह आइडी-पासवर्ड अगले एक-दो महीने में मिलना शुरू हो जाएंगे। 
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